नई दिल्ली- अर्बन नक्सलियों को लगता था कि वो एक महिला है और हरियाणा जैसे छोटे से राज्य की है इसलिए वो डर जाएगी। उन्हें ये नहीं पता था कि ये महिला यानी बबीता फोगाट कॉमनवेल्थ में कांस्य पदक जीत पूरे देश का नाम रोशन कर चुकीं हैं और ये उस हरियाणा से हैं जहाँ के तमाम खिलाड़ी ओलंपिक और अन्य खेलों में सबसे ज्यादा पदक जीतते हैं। भले ही प्रदेश की जनसँख्या ढाई करोड़ के आस पास हो लेकिन यहाँ के लोगों का दिल काफी बड़ा है और यहाँ के जवान सीमा पर देश के दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हैं।
महिला पहलवान बबीता फोगाट ने ट्विटर पर यही लिखा था कि अगर निजामुद्दीन काण्ड न होता तो देश में दुबारा लॉकडाउन न होता। उनके इस ट्वीट के बाद जेहादी, अर्बन नक्सली, टुकड़े गैंग और वामपंथी मीडिया उनके पीछे पड़ गई और बबीता के मुताबिक़ उन्हें धमकियाँ मिलने लगीं, अपशब्द भरे ट्वीट आने लगे। लोग उनके फोन पर डायरेक्ट उन्हें धमकियां देने लगे। उनके खिलाफ महाराष्ट्र में एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई। अब अर्बन नक्सलियों, जेहादियों और शाहीन बाग़ और गिनती के कांग्रेसियों को छोड़कर पूरा देश बबीता के साथ खड़ा हो गया है।
कोरोना से जमाती कनेक्शन पर एक नजर डालें तो देश में कोरोना के अब तक 14,792 पॉजिटिव केस हैं, 12,289 एक्टिव केस, 2015 डिस्चार्ज और 488 मौतें हुईं हैं और 4,291 केस निजामुद्दीन मरकज से संबंधित पाए गए हैं। इससे 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मरकज से संबंधित मरीज मिले। खासकर, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में मरकज के मरीज ज्यादा पाए गए हैं।
शुरू में कहा जा रहा था कि मरकज की जमात में 15 सौ लोग थे तो फिर 42 सौ से ज्यादा पॉजिटिव केस कैसे आये। इस पर जानकारी हासिल करने पर पता चला कि मरकज के जमातियों ने अपने कई परिजनों और बच्चों में भी कोरोना फैला दिया। अभी हजारों केस और पॉजिटिव आ सकते हैं। ऐसे में बबीता फोगाट ने शायद कुछ ख़ास गलत नहीं कहा। उन्हें घेरने वाले अफजल गुरु और कसाब के समर्थक हैं ,पहले भी बता चुका हूँ कि एक दो कांग्रेसी भी अफजल गुरु के साथियों का साथ देकर बबीता फोगट को घर रहे हैं। ये वो कांग्रेसी हैं जिन्हे ट्विटर की स्पेलिंग भी नहीं पता होगी। इनके खाते पेड लोग चला रहे हैं।
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