नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में एक पुरानी कहावत है कि जाके पाँव न फटी बिवाई वह क्या जाने पीर पराई, आधनिक युग में तमाम युवा ये भी नहीं जानते होंगे कि गांव क्या होता है और ये बिवाई क्या चीज है तो ऐसे लोगों को बता दें कि एक उम्र के दौरान कुछ लोगों के पैरों की एड़ियों में दरारें पड़ती हैं और उस समय उन्हें जो दर्द महसूस होता है वही जानते हैं। ये बात हुई ऊपर वाली कहावत का और अब इसका अर्थ बताएं तो देश में लगभग 130 करोड़ लोग हैं और हर रोज लगभग 20000 लोगों को कुत्ते काटते हैं। किसी को कुत्तों का नाखून लगता है तो किसी को दांत लेकिन देश में कुत्तों के काटने से हुई मौतों पर आंकड़ा दौड़ाएं तो लाख व्यक्ति को कुत्ता काटता है तो एक व्यक्ति की ही मौत होती है। 99999 लोग बच जाते हैं , जब किसी को कुत्ता काटता है तो उनमे से तमाम लोग झाड़ फूंक करवाते हैं ,कोई मिर्ची बांधता है तो कोई कुआं झांकता है। कुत्तों के काटने से मौत तो लाख में एक की होती है इसलिए 99999 यही सोंचते हैं कि हम झाड़ फूंक से बच गए और वो औरों को भी झाड़ फूंक की सलाह देते हैं लेकिन लाख में जिस एक व्यक्ति की मौत होती है उसकी सात पुश्तें तक रेबीज वैक्सीन का नाम नहीं भूलतीं क्यू कि मौत बहुत बुरे तरीके से होती है। जिसमे ये जहर फ़ैल जाता है उसकी मौत शायद ही कोई रोक पाता है ,दुनिया के बड़े-बड़े डाक्टर हाथ खड़े कर देते हैं।
ये कहावत का अर्थ है लेकिन देश में इस समय कोरोना नाम का वायरस तांडव मचा रहा है। हरियाणा अब तक की जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस के भारत में अबतक 312 कन्फर्म मामले सामने आए हैं। इनमें से 39 विदेशी हैं। 23 ठीक हो चुके हैं और 4 की मौत हो चुकी है। देश के कुछ घटिया नेता, पीएफआई के जेहादी, उनके समर्थक अर्बन नक्सली, उनके वामपंथी मीडिया वाले जिन्हे पीएफआई और देश विरोधी ताकतें प्रति लेख एक लाख दे रही हैं। ये सभी हरामखोर पैसे से प्यार कर जनता को बेमौत मरवाने का प्रयास कर रहे हैं। इन हरामखोरों को नहीं पता कि आग पड़ोसी के घर में लगी तो अपना भी घर जलेगा। इन हरामखोरों को कोई धर्म नहीं पैसा प्यारा है इसलिए ये कुत्ते देश को काट रहे हैं। कल जनता कर्फ्यू के दौरान किसी कुत्ते के बहकावे में न आएं। दुनिया के कई वैज्ञानिकों की राय लेकिन पीएम मोदी ने जनता की भलाई के लिए जनता कर्फ्यू का एलान किया है। कोरोना से बचना है तो कल दिन भर घर में रहें। हरियाणा अब तक को जानकारी मिल रही है कि तमाम आतंकी संगठन ये चाहते हैं कि कल जनता घर से निकले और बेमौत मरे। इसके लिए वो कुछ हरामखोर मीडिया वालों और अपने गुर्गों को पैसे बाँट रहे हैं। इनके झांसे में न आएं वरना बेमौत मरेंगे। देश की पुलिस कल भी सड़क पर रहेगी, कल जब थाली या ताली बजाएं तो पुलिस के नाम पर भी बजा दें। ये लोग भी इंसान हैं। इनके भी बाल, बच्चे हैं लेकिन देश की सुरक्षा के लिए ये अपनी जान हमेशा हथेली पर रखते हैं।
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