नई दिल्ली: शाहीन बाग़ की सड़क अपने असली मालिकों की कब होगी इसका कोई पता नहीं है। लगभग 80 दिनों से सड़क के असली मालिक सड़क पर नहीं जा पा रहे हैं। आपको मालूम होगा कि सड़कें जनता के टैक्स से बनती हैं और जनता की सड़कों की मालिक होती है लेकिन अब ये सड़क कुछ लोगों के कब्जे में है। सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर आज निर्भया केस के आरोपियों की फांसी टलने के बाद फिर कहा जा रहा है कि देश का क़ानून अँधा है। पीड़ितों का दर्द नहीं समझता। शाहीन बाग़ की सड़क बंद होने से कई लाख लोग परेशान हैं। अब तक अरबों का पेट्रोल फालतू में गाड़ियों में लग गया क्यू कि लोगों को आधे घंटे का रास्ता ढाई घंटे में तय करना पड़ रहा है।
शाहीन बाग़ में भीड़ कहाँ से आ रही है इस बारे में सूत्रों की मानें तो आस-पास के लोग फ्री के भोजन के चक्कर में वहां पहुँचते हैं। ओवैसी की पार्टी वहां लंगर चला रही है तो कुछ लोग बिरयानी का पैसा देकर वहां के लोगों को बिरयानी खिला रहे हैं। आस-पास के अलांवा दिल्ली के अन्य क्षेत्रों से वहाँ जो भीड़ पहुँच रही है उसमे दिल्ली के कुछ बड़े लोगों का सहयोग है जैसे की आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में फरार हुए आम आदमी पार्टी से निकाले गए ताहिर हुसैन?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ आईबी के स्टाफ अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन की बिल्डिंग से शाहीन बाग के लिए भर भरकर जाती थी ओला और उबर की टैक्सियां।
ताहिर हुसैन के घर के ठीक सामने की गली के ओला उबर के ड्राइवरों ने TV9 को क्या बताया देखें
आम आदमी पार्टी के ताहिर हुसैन, जो IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या और दंगों का आरोपी है, और शाहीन बाग में जुटने वाली भीड़ के बीच में क्या सम्बंध है?
देखिए...
जो भी संबंध है सब अवैध है
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— कूँवर प्रभाकर सिंह परिहार (@iPrabhakarSingP) March 2, 2020
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