नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा में गिरफ्तार ताहिर हुसैन को अब भी कुछ लोग बेगुनाह बता रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्हे शाहीन बाग़ जाने की अनुमति थी और शाहीन बाग़ में अब भीड़ कम होने से ये लोग भी दुखी हैं और शाहीन बाग़ की बात करें तो ताहिर हुसैन रोजाना वहां अपने पैसे से टैक्सियों के भरकर भीड़ भेजता था जिसका हाल में खुलासा हो चुका है। ताहिर हुसैन अब और बुरी तरह फंसता जा रहा है क्यू कि दिल्ली पुलिस को पुख्ता सबूत मिले हैं कि दंगे के समय ताहिर घर में ही था और दंगे में उसका भाई शाहआलम और उसके कई रिश्तेदार भी शामिल थे। दिल्ली पुलिस ताहिर के भाई और उसके रिश्तेदारों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच के सूत्रों से पता चला है कि घटना वाले दिन ताहिर हुसैन ने सबसे ज्यादा और लगातार जिन लोगों के साथ बात की थी, एसआईटी ने शुक्रवार को उन 15 लोगों की पहचान कर ली। यह बातचीत मोबाइल के जरिए हुई. ताहिर ने इन सबसे उसी दिन इतनी ज्यादा देर तक क्यों और क्या लंबी बातचीत की? इसका खुलासा नहीं हो सका है। मामले की जांच कर रही एसआईटी सूत्रों के मुताबिक चिन्हित किए गए लोगों में ताहिर हुसैन के कई रिश्तेदार भी शामिल हैं. जिनके बारे में ताहिर ने बस इतना ही कहा है कि घटना वाले दिन वो इन लोगों को हिंसाग्रस्त इलाके में जाने को कह रहा था। उसके भाई के बारे में कहा जा रहा है कि जहाँ आईबी अधिकारी अंकित शर्मा को बेरहमी से मारा गया था वहां ताहिर का भाई मौजूद था।
पूरी कौम लगी हुई थी दिल्ली को जलाने में🤔— Janardan Mishra (@janardanmis) March 9, 2020
पुलिस की जांच में आया है कि, ताहिर हुसैन का भाई "शाह आलम" भी दिल्ली दंगों में शामिल था, अब दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में लगी है..
सोचो कितनी तैयारी के साथ इन शांतिदूतों ने नरसंहार किया है
दुर्भाग्य इन मुद्दों का मिलार्ड संज्ञान नही लेते..
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