नई दिल्ली: शाहीन की सड़क बंद हुए आज तीन महीने पूरे हो गए और शाहीन बाग़ के पांडाल में तीन महीने पूरे होने का एक पोस्टर भी दिखा लेकिन वहां अब पहले जैसी भीड़ नहीं दिखी। कालिंदी कुञ्ज से सरिता विहार की तरफ जाने वाली सड़क की दाहिनी तरफ एक पंडाल लगा है। फरीदाबाद से नोयडा की तरफ जाने वाली मुख्य सड़क अब भी बंद है। पंडाल से थोड़ा पहले एक छोटी सड़क से मुड़कर कालिंदी कुञ्ज से होते हुए नोयडा जाया जा सकता है लेकिन नोएडा से फरीदाबाद अब भी डीएनडी के रास्ते से ही आ जा सकते हैं।
राजधानी की एक मुख्य सड़क तीन महीने से बंद क्यू है और सरकार इसे क्यू नहीं खुलवा रही है इसके पीछे कई बड़े राज छिपे हैं। कांग्रेस के कई बड़े नेता शाहीन बाग़ के मंच पर भाषण दे चुके हैं और आस पास के लोगो की मानें तो ये सड़क कांग्रेस की शय पर जाम की गई है। कुछ लोगों का कहना था कि सड़क बंद करवाने में आम आदमी पार्टी का भी हाथ है तो कुछ लोगों का कहना था कि देश विरोधी ताकतों ने सड़क बंद करवाया है। कैमरे में सामने कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ लेकिन कुछ लोगों का ये भी कहना था कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में सरकार है और दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है और भाजपा खुद नहीं चाहती कि ये सड़क जल्द खाली हो जाए।
नाम सार्वजानिक न करने की शर्त पर नोयडा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शाहीन बाग़ से सबसे ज्यादा फायदा भाजपा का होगा और सबसे ज्यादा नुक्सान कांग्रेस का होगा। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग़ में कुछ लोगों ने जहर उगला जो उनके अंदर भरा था। किसी ने पीएम, गृह मंत्री को मारने की बात की तो किसी ने हिन्दुओं से आजादी के नारे लगाए। यहाँ जिन्होंने जहर उगला उसे पूरे देश ने देखा कि इनमे कितना जहर भरा पड़ा है और इनके अंदर के जहर को देख देश के हिन्दू और एकजुट हो गए हैं। कांग्रेस इन जहरीले साँपों के साथ खड़ी है इसलिए 2020 में भी कांग्रेस की लुटिया डूबने वाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि शाहीन बाग़ का प्रदर्शन जारी रहे ताकि बिल में दुबके और जहरीले सांप भी बाहर निकल आएं।
कई लोगों ने ऐसा कुछ कहा जिसे देख लगा कि भाजपा ने अपने फायदे के लिए सड़क खाली नहीं करवाया और हाल में दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा को थोड़ा फायदा भी मिला।विधानसभा चुनावों से एक महीने पहले देश के बड़े-बड़े सट्टेबाजों का दावा था कि आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटें जीतेगी। देश के कई सट्टेबाजों के आडियो भी हमने अपने पाठकों तक उस समय पहुँचाया था लेकिन चुनावों से लगभग दो हफ्ते पहले भाजपा ने शाहीन बाग़ को भुनाना शुरू कर दिया और आम आदमी पार्टी से 8 सीटें झटक ली।
कांग्रेस को कुछ नहीं मिला क्यू कि दिल्ली की जनता ने मुफ्त के चक्कर में पहले से ही ठान लिया था कि वोट आम आदमी पार्टी को ही देना है। वर्तमान में हालात बहुत बदल गए हैं। आज अगर दिल्ली विधानसभा का चुनाव हो जाए तो आम आदमी पार्टी को शायद ही बहुमत मिले। केजरीवाल के कई विधायक भी आग उगल रहे हैं और हाल में दिल्ली दंगे में केजरीवाल का पार्षद ताहिर हुसैन पकड़ा गया जिसके घर से पेट्रोल बम, तेज़ाब और पत्थरों का जखीरा मिला। दिल्ली दंगों में 53 लोगों की जान चली गई। सैकड़ों घायल हैं। केजरीवाल के विधायक अमानतुल्ला खान अब भी ताहिर हुसैन के साथ खड़े हैं जबकि विधानसभा में शुक्रवार को दिल्ली में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) नहीं लागू करने का प्रस्ताव पास किया गया।
विधानसभा में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि मेरे परिवार और पूरी कैबिनेट का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है तो क्या हमें डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा? मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह एनपीआर और एनआरसी वापस लें। इस बयान के बाद कहा गया कि केजरीवाल ने अपनी असलियत दिखा दी। अब केजरीवाल को उसी तरह गलियां मिलने लगीं हैं जैसे दिल्ली नगर निगम चुनावों के समय मिल रहीं थीं जिसे देख लग रहा है कि दिल्ली की जनता का मूड बहुत जल्द बदलने लगा है। आज शाहीन बाग़ जाकर हमें कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। आगे फिर कभी बताऊंगा। इतना बता दूँ और पहले भी बताया था कि दिग्विजय और मणि शंकर अय्यर जैसे नेता कांग्रेस के दीमग हैं, अपनी ही पार्टी को ख़त्म कर रहे हैं। ये लोग शाहीन बाग़ भी गए थे और हिन्दुओं से आजादी के नारे पर चमगादड़ों की तरह मुस्कुराये थे। दिग्विजय एमपी से हैं, कांग्रेस का कमल खतरे में उनके कारण ही है, वो सिंधिया को कुछ नहीं समझते थे और सिंधिया भाजपा के पाले में चले गए और इस समय भोपाल में कांग्रेस की खास बैठक चल रही है। कल फ्लोर टेस्ट है। देखते हैं कल क्या होगा।
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