हर्षित सैनी: रोहतक, 3 मार्च। बलजीत बाबा ने 10-6-2008 को एक गिफ्ट डीडी नं. 2273 रोहतक तहसील कार्यालय में रजिस्टर्ड करवाई। उसने बहला-फुसला कर अपनी बूढ़ी कैंसर पीड़ित व अनपढ़ मां सुशीला देवी से इस उपहार पत्र पर अंगूठे कराए व इसके 5 महीने के अन्दर ही सुशीला देवी का देहान्त हो गया। इस समय परिवार का कोई अन्य सदस्य वहां नहीं था व न ही किसी को इस षड्यंत्र का आभास था।
यहां गौर करने लायक बात यह है कि बलजीत बाबा ने शीला बाईपास स्थित सोनीपत व दिल्ली रोड़ों को टच करती इस प्रमुख व्यवसायिक जमीन 10 कनाल 14 मरले (6473.5 वर्ग गज) जमीन को कृषि भूमि दिखा कर जुगाड़ कर के अपने नाम मात्र 1,47,125 की स्टांप लगा कर गिफ्ट करा लिया।
इस बारे में रतन सिंह को जब इस जालसाजी का पता लगा तो उन्होंने उस समय उपायुक्त पी.सी. मीना को शिकायत की। उन्होंने तुरन्त जांच उस समय डीआरओ मंजीत मान को सौंपी। डीआरओ ने केस की तह तक जाकर सभी पहलुओं को देखते हुए व जांच में पाया कि इस उपहार पत्र की रजिस्ट्रेशन में 64 लाख रूपये की चोरी की गई है।
इस ऑर्डर के खिलाफ बाबा बलजीत कमिशनर की कोर्ट जोकि उस समय राजीव शर्मा थे, में गया। मगर वहां कमिश्रर की कोर्ट ने डीआरओ के फैसले को ठीक ठहराया और डीआरओ कार्यालय को तुरन्त रिकवरी का आदेश दिया।
यह ऑर्डर कमिश्रर का 2010 साल का था। इसके बाद तो बलजीत बाबा ने अपने राजनैतिक संपर्कों द्वारा व प्रशासन में पकड़ के बूते पर इस फाईल को ही ठंडे बस्ते में पहुंचा दिया। इस दौरान 25-10-2019 को मुख्य शिकायतकर्त्ता की मृत्यु हो गई।
इसके बाद जनवरी 2020 में इस केस के बारे में एक आरटीआई उपायुक्त कार्यालय में लगाई तो पहले तो बहुत मुश्किल से यह असली फाईल कई दफ्तरों में खोजने के बाद मिली व जानकारी मिली कि इस केस में अभी तक एक पैसे की भी रिकवरी नहीं हुई है। इस बारे में डीआरओ, रोहतक से मिलने पर उन्होंने भरोसा दिलाया कि हम अब इस केस में किसी भी प्रकार का दबाव नहीं मानेंगे और इस बारे में तुरन्त पूरी व अच्छी तरह जांच करके जल्द से जल्द यह 64 लाख रूपया सरकारी खजाने में पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
इस समाचार से सम्बन्धित जानकारी के लिए डीआरओ रोहतक श्रीमति पूनम से मोबाईल नं. 9910670867, रीडर टू डीआरओ जितेन्द्र रंगा 8059667344, तहसीलदार रोहतक राजेश कुमार 9416210585 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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