चंडीगढ़/ फरीदाबाद: एक हफ्ते पहले हरियाणा के लाखों किसान सुबह जब अपने खेतों में जाते थे तो लहलहाती गेहूं की फसल, सरसों की फसल देख दिन में ही सपने देखने लगते थे कि इस बार फसल अच्छी होगी। कोई बिटिया की धूमधाम से शादी करने का ख्वाब देख रहा था तो कोई बेटे को और अच्छे स्कूल में दाखिला करवाने का लेकिन दो-तीन दिनों से प्रदेश के हजारों किसान खून के आंसू रो रहे हैं। ऊपर से ओले उनकी फसलों पर ही नहीं उनके ख्वाबों पर भी गिर रहे हैं। जो फसलें तीन दिन पहले लहलहा रहीं थीं वो अब जमीदोज हो चुकी हैं। अब किसान सुबह खेतों में जाते हैं तो अपनी फसलों को देख वो रो पड़ते हैं।
प्रदेश के किसानों पर कुदरत की मार पड़ रही है। कई जिलों में तेज बारिश से किसानों की फसलें चौपट हो गईं हैं। फ़िलहाल बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है और कई जिलों में अब भी जारी है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले की बात करें तो यहाँ भी लगभग 8 बजकर 10 मिनट पर बारिश शुरू हुई है। कहीं हल्की तो कहीं तेज हो रही है। ये बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरस रही है। अब फरीदाबाद के कई हिस्सों में काफी तेज बारिश हो रही है।
हरियाणा अब तक के तमाम पाठक किसान परिवार से नहीं हैं और कई शहरी युवाओं को ये भी नहीं पता कि सरसों या गेहूं की पैदावार कैसे होती है जबकि ऐसे पाठक भी प्रतिदिन रोटी खाते हैं। सरसों का तेल भी प्रयोग करते हैं। ऐसे शहरी पाठक बारिश का आनंद लेते हैं लेकिन ऐसे पाठकों को बता दें कि इस समय बारिश या ओलों से गेहूं की जो फसल गिर जा रही है उनमे अब गेहूं के दाने छोटे होंगे। अगर एक एकड़ में 100 क़्वींटल गेहूं पैदा होने वाला होगा तो अब 50 ही होगा और सरसों का भी यही हाल होगा। सरसों की जहाँ भी फसलें गिर गईं हैं अब वहां सरसों के दाने में छोटे हो जाएंगे और एक तरह से तमाम दाने मर जायेंगे जिनमे से तेल नहीं निकलेगा। किसानों के लिए ये बड़ा नुकसान है। फ़िलहाल बारिश जारी है और आसमान पर बादल भी गरज रहे हैं। अगले दो दिनों तक मौसम ज्यादा साफ़ नहीं रहेगा। कई इलाकों में बारिश और ओले पड़ सकते हैं।
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