नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को कोरोना ज्यादा समय तक नहीं बचा सके। भाजपा सुप्रीम कोर्ट गई तो तमाम भाजपा विधायक राज्यपाल लालजी टंडन के आवास पर पहुँच गए और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ की सरकार अल्पमत में है, बहुमत खो चुकी है! बहुमत होता तो सरकार को दिक्कत नहीं होती, लेकिन मुख्यमंत्री इससे बच रहे हैं। सरकार 'रणछोड़दास' बन गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक क्षण भी सरकार चलाने का अधिकार नहीं है।
सदन की जो एफेक्टिव संख्या है, उसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक बचे हैं। यह बिलकुल स्पष्ट है कि बहुमत अब भाजपा के पास है और अल्पमत की सरकार अब कोई निर्णय नहीं ले सकती! इसके बाद राज्यी पाल ने कहा कि वो प्रदेश की जनता के संवैधानिक अधिकारों की वे रक्षा करेंगे।
अब ताजा जानकारी ये मिल रही है कि राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर कहा कि 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट आयोजित करें अन्यथा यह माना जाएगा कि राज्य विधानसभा में आपके पास वास्तव में बहुमत नहीं है।
आपको बता दे कि आज सदन की बैठक में स्पीकर ने कोरोना का बहाना बता 26 मार्च तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी थी जिसके बाद कहा जा रहा था कि कोरोना ने कमलनाथ सरकार की उम्र बढ़ा दी है लेकिन अब राज्य पाल की चिट्ठी से फिर नया मोड़ आ गया है।
आपको बता दे कि आज सदन की बैठक में स्पीकर ने कोरोना का बहाना बता 26 मार्च तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी थी जिसके बाद कहा जा रहा था कि कोरोना ने कमलनाथ सरकार की उम्र बढ़ा दी है लेकिन अब राज्य पाल की चिट्ठी से फिर नया मोड़ आ गया है।
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