नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि मध्य प्रदेश तो एक झांकी है, राजस्थान और महाराष्ट्र अभी बाकी है साथ में कुछ कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस युवाओं की ताकत कम आंक कर अपना ही नुक्सान कर रही है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान सिंधिया की ताकत नहीं समझ सका और एमपी के सीएम कमलनाथ को लगता था कि सिंधिया के साथ पांच से भी कम विधायक हैं। वो ये बात सोनिया गांधी तक पहुंचाते रहे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी बच्चा है और सोनिया गांधी ने भी कमलनाथ की बात सच मान लिया लेकिन जब लगभग 20 विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में त्यागपत्र दे दिया और कहा जाने लगा कि अभी 10 और विधायक कांग्रेस छोड़ सकते है तब लगा कि सिंधिया उतने कमजोर नहीं हैं जितना समझा जा रहा था।
अब कांग्रेस में आवाज उठने लगी है कि युवा नेताओं की ताकत को कम न समझा जाए और उन्हें भी मौका दिया जाए।
हरियाणा के कांग्रेसी नेता कुलदीप बिश्नोई ने सिंधिया के स्तीफे के बाद एक ट्वीट कर लिखा कि सिंधिया का जाना बड़ा नुकसान है और दूसरे क्षमतावान कांग्रेस नेता भी पार्टी में अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। बिश्नोई ने एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस को सुझाव दिया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को अब ऐसे युवा नेताओं को आगे बढ़ाना चाहिए, जिनमें मेहनत से काम करने की क्षमता है।
.@JM_Scindia’s departure is a big blow to @INCIndia. He was a central pillar in the party & the leadership should’ve done more to convince him to stay. Like him, there are many other devoted INC leaders across the country who feel alienated, wasted & discontented. 1/2 https://t.co/oTLXuqTAui— Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) March 10, 2020
अब राजस्थान में भी सचिन पायलट के समर्थक आवाज उठाने लगे हैं जिनका कहना है कि सचिन पायलट दमदार युवा नेता हैं लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने उनकी ताकत को भी नहीं समझा और अशोक गहलोत को सीएम बना दिया। कांग्रेस में अंदरूनी तकरार से यह बात भी साफ है कि राज्य इकाई में नए नेताओं को चुनने में पार्टी नाकाम रही है।
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