नई दिल्ली: इन दिनों जितने लोग सड़कों पर पैदल जाते दिख रहे हैं ऐसा सैकड़ों साल पहले उस समय देखा गया था जब मुहम्मद तुगलग ने देश की राजधानी दिल्ली से दौलताबाद परिवर्तित करने की घोषणा की थी। उलूग ख़ाँ उर्फ़ मुहम्मद बिन तुगलक 1325 ईसवी में दिल्ली की सत्ता पर बैठा और 26 साल तक राज किया और इसी दौरान उसने तुगलकी फरमान जारी कर अचानक अपनी राजधानी को दिल्ली से महाराष्ट्र के देवगिरी ले जाने का फैसला किया, जिसका नाम उसने दौलताबाद रखा। इस फैसले में सबसे खराब पहलू यह था कि उसने दिल्ली की आबादी को भी दौलताबाद स्थानांतरित होने के लिए मजबूर किया , बताया जाता है कि जो लोग स्थानांतरित हुए, उनमें से बहुतों की मौत रास्ते में ही हो गई , वैसे भी दौलताबाद खुश्क इलाका था, जहां बादशाह को पानी की ज़बरदस्त किल्लत का सामना करना पड़ा। और आखिरकार राजधानी को वापस दिल्ली स्थानांतरित करना पड़ा और वापसी के समय में हजारों लोगों ने रास्ते में दम तोड़ दिया था क्यू कि उस समय साधन नहीं थे।
वर्तमान में सारे साधन हैं लेकिन सड़कों पर पैदल चलते आप हजारों लोगों को देख सकते हैं। 700 पहले जब राजधानी बदलने का एलान हुआ था तो सभी लोग दौलताबाद नहीं गए थे। कुछ लोग अपने राज्यों में चले गए थे।
कुछ लोग पैदल ही लगभग 1200 किलोमीटर दौलताबाद गए और पैदल ही आये। कुछ लोग अपने राज्यों में पैदल चले गए। उस समय ही सड़कों पर इतने लोग पैदल दिखे थे जितने अब दिख रहे हैं और खासकर दिल्ली से पलायन करते हुए। यही कारण है कि अब दिल्ली के सीएम को मुहम्मद बिन तुगलक भी कहा जा रहा है। उस समय भी कहा गया था कि जो दिल्ली में रहेगा उसकी जान का खतरा है ,तुगलक के लोग उसे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे और अब अफवाह है कि दिल्ली में रहे तो भूख से मर जाओगे, कोरोना भी मार सकता है। अफवाह फैलाने वालों में शाहीन बाग़ की टीम काम कर रही है। कुछ देर बाद अपडेट दूंगा।
— पकाऊ (@PakauTweet) January 4, 2016
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