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CM विंडों में सरकारी राशि का गबन, कृषि विपणन बोर्ड के 32 कर्मचारियों पर चला खट्टर का चाबुक 

Haryana-CM-News-18-March
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चंडीगढ़, 18 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल द्वारा राज्य के लोगों की शिकायतों का जल्द निपटारा करने के लिए शुरू की गई सीएम-विंडों प्रणाली पर सरकारी राशि के गबन के मामले में प्राप्त हुई एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के 32 कर्मचारियों पर सक्षम अधिकारी द्वारा विभिन्न कर्मचारियों की 3 से 5 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, राशि की वसूली, सेवानिवृत कर्मचारियों की पेंशन में 5 प्रतिशत की कटौती और कुछ कर्मचारियों को सख्त चेतावनी देने की कार्यवाही की गई है।

         यह जानकारी आज यहां मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डा. राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित सीएम-विंडों की एक बैठक में दी गई। बैठक में अनुसूचित जाति एवं पिछडा कल्याण विभाग, सैकेंडरी शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, उच्चतर शिक्षा, सिंचाई एवं जल संसाधन, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, आबकारी एवं कराधान, शहरी स्थानीय निकाय, कृषि एवं किसान कल्याण और विकास एवं पंचायत विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

         बैठक में बताया गया कि सीएम-विंडो पर प्राप्त शिकायत में कहा गया कि कर्मचारियों का ईपीएफ, ईएसआई और सर्विस टैक्स का एक करोड 42 लाख रूपए का गबन हरिश कुमार पुत्र बलवान सिंह पार्टनर मैसर्ज फ्रैंडस सिक्युरिटी सर्विस के साथ मिलकर एक सोची समझी साजिश के तहत हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों ने किया है जिस पर चैकसी विभाग द्वारा जांच की गई और उसके बाद बोर्ड ने मैसर्ज फ्रैंडस सिक्युरिटी सर्विस के मामले में आऊटसोर्स मैनपावर के संबंध में वैधानिक कटौती के धोखाधडी में 39 कर्मचारियों को चार्जशिट किया। इस बीच, बोर्ड के सक्षम अधिकारी अर्थात मुख्य प्रशासक ने विभिन्न सेवा नियमों के तहत चार्जशीट और की गई जांच के अनुसार बोर्ड के 32 कर्मचारियों के विरूद्ध अपना अंतिम निर्णय दे दिया जिसके अंतर्गत प्रत्येक कर्मचारी की भूमिका के अनुरूप उन्हें सजा दी गई।

         बैठक में बताया गया कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक द्वारा की गई कार्यवाही के तहत सेवानिवृत अधीक्षक जयपाल के मामले को चेतावनी देकर दाखिल कर दिया गया जबकि एसएमसी संदीप गर्ग और मनोज दहिया की 3-3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, लेखाकार विकास गुप्ता की 5 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, तत्कालीन लेखाकार विकास ढिल्लों की 3 वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी गई हैं। वहीं, एसएमसी जगजीत सिंह से 12001 रूपए की वसूली, एमएस रमेश लाल की 5 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, एसएमसी देवी राम की 12001 रूपए की वसूली के साथ 3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, एसएमसी अनिल कुमार की 3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, तत्कालीन एमएस, जो अब सेवानिवृत है, अमरजीत सिंह की पेंशन से पांच साल तक 5 प्रतिशत की कटौती, लेखाकार मंजीत सिंह की 3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, लेखाकार विनोद कुमार की 3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, तत्कालीन एमएस लखविंद्र सिंह की 4 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, लेखाकार विरेन्द्र सिंह से 12001 रूपए की वसूली के साथ 3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक और तत्कालीन एमएस, जो अब सेवानिवृत है, कश्मीरी लाल की पेंशन से पांच साल तक 5 प्रतिशत की कटौती की कार्यवाही की गई है।

         इसी प्रकार, एसएमसी राजीव सोलंकी की 3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, तत्कालीन लेखाकार राजवीर सिंह की 3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, सेवानिवृत डीएमईओ राधाकृष्ण की पेंशन से पांच साल तक 5 प्रतिशत की कटौती, एसएमसी विरेन्द्र सिंह की 3 वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, सेवानिवृत डीएमईओ मनोहर लाल भारती की पेंशन से पांच साल तक 5 प्रतिशत की कटौती, सेवानिवृत एसएमसी दलीप सिहाग की पेंशन से पांच साल तक 5 प्रतिशत की कटौती की कार्यवाही की गई हैं।

         बैठक में बताया गया कि जबकि एसएमसी जितेन्द्र सिंह, लेखाकार ईश्वर सिंह और तत्कालीन एसएमसी सतपाल संधू के नियम 7 के मामले को दाखिल कर दिया गया हैं। बैठक में बताया गया कि एसएमसी विकास सेतिया, लेखाकार दीपक कुमार, डीएमईओ शैलेश वर्मा, सेवानिवृत जेडएमईओ रमेश गोदारा, जेडएमईओ राम कुमार, डीएमईओ हवा सिंह खोबरा और डीएमईओ धर्मपाल भांभु के नियम 8 के मामले को चेतावनी देकर दाखिल कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से संबंधित प्राप्त इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए गत सीएम-विंडों की बैठकों में विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि इस शिकायत पर कार्यवाही कर रिपोर्ट दी जाए, जिस पर यह कार्यवाही अब तक की गई हैं जबकि फर्म के खिलाफ मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

         बैठक में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डा. राकेश गुप्ता ने अनुसूचित जाति एवं पिछडा कल्याण विभाग, सैकेंडरी शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, उच्चतर शिक्षा, सिंचाई एवं जल संसाधन, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, आबकारी एवं कराधान, शहरी स्थानीय निकाय, कृषि एवं किसान कल्याण और विकास एवं पंचायत विभागों से संबंधित शिकायतों को जल्द से जल्द से निपटाने के निर्देश दिए और कहा कि अगली बैठक तक लंबित शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाना चाहिए। बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों को अवगत करवाया कि सीएम-विंडो की आगामी बैठक 27 मार्च, 2020 को प्रात: 10 बजे हरियाणा निवास, चण्डीगढ में आयोजित की जाएगी।
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