फरीदाबाद: शहर में जहाँ भी अवैध धंधे हो रहे हैं, अवैध कमाई हो रही है ऐसा करने वाले कुछ बदमाशों को भी अपने साथ रखते हैं। अगर बदमाश कहीं तांडव भी मचाते है तो उन पर हल्की धाराओं में मामला दर्ज किया जाता है जिस वजह से वो जमानत पर जल्द छूट जाते हैं और तांडव जारी रखते हैं। बदमाशों पर हल्की धाराएं क्यू लगाईं जाती हैं ये तो हर कोई जानता है कि शहर में पुदीने का चढ़ावा चढ़ा किसी पर 307 लगवा लो तो किसी पर 307 ठोंकवा दो।
ओमेक्स हाइट्स सेक्टर-86 में रहने वाले पंकज विश्वामित्र पर कल नोएडा में बदमाशों ने जानलेवा हमला किया जो इस समय जिंदगी और मौत से आईसीयू में जूझ रहे हैं। उन्होंने सोसाइटी में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी और करीब 2 महीने पहले भी फरीदाबाद में सेक्टर-17 के पास उन पर जानलेवा हमला भी हुआ था।
उनके परिजनों ने फरीदाबाद पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है जिनका कहना है कि पुलिस के एसएचओ सेक्टर 17 और एक एसीपी ने कुछ दिन पहले ही आरोपियों से मिलीभगत करके बदमाशों को बचाया था और मामले से गंभीर धाराएं हटाई थीं। परिजनों का कहना है कि अगर पुलिस ऐसा काम ना करती तो आज दुबारा बदमाश ये हमला नहीं करते।
बता दें कि कई सोसायटियों में लाखों का ठेका उठता है और ठेका लेने वालों की मोटी कमाई होती है। हर माह मरम्मत सहित कई चीजों के पैसे वसूले जाते हैं और पहले भी कई सोसायटियों में भ्रष्टाचार का मामला आ चुका है।
फरीदाबाद की बात करें तो 2019 लोकसभा चुनावों के ठीक पहले शहर में कई पुलिस इन्स्पेटरों का तबादला हुआ था और दूसरे जिलों में चले गए थे। जो अच्छे और दबंग इंस्पेक्टर फरीदाबाद में बचे थे उन्हें साइड में लगा दिया गया। ऐसे इंस्पेक्टरों के नाम से ही बदमाश कांपते थे लेकिन इन्हे क्यू साइड में लगाया गया ये तो पुलिस अधिकारी ही जानते होंगे। अच्छे और दबंग पुलिस इंस्पेक्टर जाने के बाद और जो अच्छे बचे उन्हें साइड में लगाने के बाद बदमाशों के हौसले धीरे-धीरे बुलंद होने लगे और विकास चौधरी जैसे युवा नेता को सरेआम गोलियों भून डाला गया। पुलिस की कुछ कमियों के कारण ही डीसीपी विक्रम कपूर जैसे बड़े अधिकारी को आत्महत्या करनी पडी। आने वाले दिनों में और बड़ी बारदातें हो सकती हैं।
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