फरीदाबाद: लगभग 6 महीने पहले फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के कई ऐसे नेता भी विधायक बन गए जो भारतीय जनता पार्टी की टिकट से न लड़ते तो पार्षद बनना भी मुश्किल था लेकिन कुछ मोदी लहर तो कुछ मिशन 75 का हव्वा तो कुछ को मोदी के मंत्री केपीजी ने जिता दिया। चौकीदार अभियान में इनमे से तमाम नेताओं ने भी अपने नाम के आगे चौकीदार लगाया था लेकिन जिले के लाखों गरीब इन दिनों लॉकडाउन से परेशान हैं और तमाम लोग राशन की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन लॉकडाउन के बाद से ही ये विधायक लापता हैं। कई नेताओं को सरकार ने पद भी दिए चेयरमैन बनाया वो भी लापता हैं और साढ़े तीन साल पहले कई नेता मोदी लहर में पार्षद बन गए वो भी लापता हैं। कुछ गिनती के पार्षद ही जनता की समस्या दूर करते दिख रहे हैं।
शहर में दो दिनों से यही चर्चा है कि क्या ये नेता आइसोलेशन में चले गए हैं या वैसे ही कोरोना का इनमे ज्यादा खौफ है इसलिए ये अपने घर से नहीं निकल रहे हैं। कई सत्ताधारी विधायक काफी मालदार बताये जाए हैं। कई कई आलीशान होटलों के मालिक हैं तो कोई उद्योगपति है। जनता भूख से बिलबिला रही है लेकिन ये विधायक, पार्षद, चेयरमैन न जाने कहाँ गायब हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल में कहा था कि एक करोड़ भाजपा सदस्य जरूरतमंदों की मदद करेंगे लेकिन लगता है फरीदाबाद के कई विधायक, कई पार्षद और कई चेयरमैन खुद को भाजपा सदस्य भी नहीं मानते।
भाजपा ही नहीं कांग्रेस के भी तमाम नेता गायब हैं। कुछ ही नेता जरूरतमंदों की सेवा करते दिख रहे हैं। कुछ पूर्व विधायक जिन्हे एक इंस्पेक्टर से ज्यादा पेंशन हर माफ़ मिलती है लेकिन वो भी गायब हैं। सड़क पर पुलिस, कुछ समाजसेवी संगठनों के लोग, और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर की टीम, उनके पुत्र वरिष्ठ उप महापौर देवेंद्र चौधरी की टीम ही दिख रही है। बड़ा सवाल फरीदाबाद के कई नेताओं पर उठ रहा है। चुनावों के समय ये खुद को बड़ा जन सेवक बताते हैं। चमगादड़ों की तरह दांत बाहर निकाल दोनों हाथों को जोड़कर फोटो के साथ होर्डिंग्स पर खुद को समाजसेवी लिखवाते हैं। आजकल ये सब न जाने कहाँ हैं। अगर ये नेता भी मैदान में जनता की सेवा के लिए उतर जाते तो? देखते हैं ये कब मोर्चा सँभालते हैं या गायब ही रहते हैं।
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