नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कमलनाथ रहेंगे या शिव राज की वापसी होगी, सुप्रीम कोर्ट में कुछ देर बाद सुनवाई होनी है लेकिन इसके पहले मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह कर्नाटक के बेंगलुरु पहुँच गए हैं और उस होटल के बाहर धरना दे रहे हैं जहां कांग्रेस के बागी विधायक हैं। दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट कर पल पल की जानकारी दे रहे हैं पढ़ें।
मैं बेंगलूरू में अपने विधायकों से मिलने आया हूँ।कर्नाटक पुलिस हमें मिलने नहीं दे रही है।मैं गांधीवादी हूँ, निहत्था हूँ। उनकी सुरक्षा के लिए कोई ख़तरा नहीं हूँ। मैं गुप्त रूप से नहीं, खुलेआम मिलने आया हूँ।
लेकिन BJP उन्हें तालाबंद रखना चाहती है और लोकतंत्र का अपहरण कर लिया है।
विधायक निजी नागरिक नहीं हैं। वो लाखों जनता/ वोटरों के प्रतिनिधि हैं। विधायक को अगर कोई संकट है तो संवैधानिक व्यवस्था है कि वे स्पीकर को मिलें, या सदन पटल पर बोलें या पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधियों से कहें। अन्य कोई भी तरीक़ा लोकतंत्र का अपहरण है।
बेंगलुरु में तो BJP की सरकार है। यहाँ की पुलिस BJP सरकार के अधीन है। मैं यहाँ गांधीवादी तरीक़े से अपने विधायकों से मिलने आया हूँ।मुझे तो BJP के राज में भी, उनकी पुलिस के बीच भी डर नहीं लग रहा है। लेकिन BJP नेता कह रहे हैं कि विधायकों को डर है। तो डर किससे है? खुद BJP से न?
बेंगलुरु पुलिस का कहना है कि हमारे जो विधायक यहाँ हैं, उनकी privacy के चलते हम उनसे नहीं मिल सकते हैं। निगरानी के लिए पुलिस 24 घंटे उनपर नज़र रखे है। प्राइवेसी की रक्षा का ये ग़ज़ब उदाहरण है! हर संवैधानिक अधिकार, हर संवैधानिक व्यवस्था की स्वार्थी व्याख्या BJP से सीखें।
कर्नाटक पुलिस हमें स्थानीय DCP ऑफ़िस लायी है। हमारी माँग है कि BJP की क़ैद में रह रहे हमारे विधायकों से हमें मिलने दिया जाए। जब तक हमारी मुलाक़ात अपने विधायकों से नहीं होगी, मैं अनशन की घोषणा करता हूँ। हमारे देश में लोकतंत्र है, डिक्टेटरशिप नहीं। यहाँ दिग्विजय सिंह ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
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