नई दिल्ली: आजकल लोग भिखारियों को एक रूपये की भीख देने से पहले एक बार तो कह ही देते हैं कि बाबा खुल्ले नहीं हैं। लाख गिड़गिड़ाने के बाद कुछ लोग भिखारियों को भीख देते हैं। दिल्ली में दंगा हुआ और लगभग 55 लोगों की जान गई। अगर शाहीन बाग़ की सड़क जाम न की गई होती तो दिल्ली में दंगे न होते। शाहीन बाग़ के कारण ही कुछ जेहादियों के हौसले बढे और ट्रंप आगमन के समय जेहादियों के हौसलों में चार चाँद लग चुके थे। दिल्ली की कई सड़कें अचानक जाम कर दी गईं और दिल्ली को बंधक बनाने का प्रयास किया गया। हिंसा शुरू हुई और तमाम लोग मारे गए। आम आदमी पार्टी से निकाले गए ताहिर हुसैन पर कई आरोप लगे और उन्हें गिरफ्तार किया गया। ख़बरें आईं की ताहिर हुसैन शाहीन बाग़ में भी भीड़ भेजता था। किस लालच में वो ऐसा करता था। उसके घर में पेट्रोल बम, तेज़ाब, बड़ी गुलेल कब से रखी गई थी।
क्या वो बड़ी साजिश रच रहा था? क्या उसके ऊपर किसी आतंकी या कट्टरवादी संगठन का हाथ था? उसे कोई फंडिंग कर रहा था? शायद हाँ, क्यू कि ED ने दंगों के आरोपी पार्षद ताहिर हुसैन की खिलाफ मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया है । PFI के खिलाफ भी दिल्ली दंगों को लेकर एक नया मामला PMLA में दर्ज किया, इससे पहले Anti CAA और देश में हिंसा को लेकर भी ईडी मामला दर्ज कर जांच कर रही थी। और आज दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ताहिर हुसैन के तीन क़रीबियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार तीनों आरोपी इरशाद, शादाब और आबिद 24 फरवरी को दंगे वाले दिन ताहिर के साथ उसके घर की छत पर मौजूद थे।
दिल्ली हिंसा या इसके पहले उत्तर प्रदेश में हिंसा एक बड़ी साजिश थी। ये हरियाणा अब तक अपने पाठकों को लगभग तीन महीने से बताता आ रहा है। देश के मुस्लिमों का जेहादियों, अर्बन नक्सलियों ने इस्तेमाल किया और उनकी भी जान चली गई। उनके भी घर तवाह हो गए। कम पढ़े लिखे मुस्लिम जेहादियों और अर्बन नक्सलियों के मंसूबों को नहीं समझ सके।
आज हरियाणा अब तक को एक और बड़ी जानकारी मिली है जिसके मुताबिक़ उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में आज ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुअल एंड एकेडमिशियन (GIA) ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में बेहद चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगा एक सुनियोजित षडयंत्र था.लेफ्ट- जेहादी गुट की एक सुनियोजित तथाकथित क्रांति जिसे दूसरे जगहों पर दोहराने की साजिश रची जा रही है। शहरी नक्सल और जिहादी गुट के नेटवर्क ने इस दंगा की योजना रची और उसे अमली जामा पहनाया। पिछले कई वर्षों से मुस्लिम समुदाय में कट्टरता को जिस तरह से बढ़ाया गया वो दंगे की एक वजह रही है।
इस रिपोर्ट से आप समझ सकते हैं कि तीन महीने से जो कहते आ रहे हैं वो सच है। जिन्हे मैं अर्बन नक्सली समझता हूँ मैं हमेशा और दिन में हर आधे घंटे बाद उनके ट्वीट पढता हूँ और उस समय से तो लगातार मेरी नजर अर्बन नक्सलियों के ट्वीट पर हमेशा लगी रहती है जब नागरिकता क़ानून पास होने के बाद इन नक्सलियों के ऐसे ट्वीट आये जिसे देख हमें लगा कि ये देश में आग लगवा सकते हैं और यूपी हिंसा के एक दिन पहले हमने लिखा भी था कि कई लोगों की जान जाने वाली है और अगले दिन वैसा ही हुआ। ये नक्सली लोगों को उस समय भड़का रहे थे। आतंकी और जेहादी इन नक्सलियों के ट्वीट को रि-ट्वीट कर रहे थे।उत्तर प्रदेश हिंसा से एक दिन पहले जुमे को पूरे देश में एक समय प्रदर्शन, मैंने अपने पाठकों को बताया था और फरीदाबाद पुलिस को भी सूचित किया था। फरीदाबाद पुलिस ने मामला संभाल लिया था लेकिन उत्तर प्रदेश में अगले दिन तांडव हुआ था। एक समय पर वो प्रदर्शन और हाल में जफराबाद मेट्रो स्टेशन जाम करने के समय दिल्ली की कई सड़कें एक समय पर बंद की गईं। ये सब एक साजिश के किया गया था। स्टोरी पहले ही उमर खालिद, पीएफआई, आईएसआईएस, जेहादी, अर्बन नक्सली लिख चुके थे।
इन शहरी नक्सलियों का नाम किसी कारण यहाँ नहीं लिख रहा हूँ लेकिन इतना बता दूँ कि इस टीम में कई वकील हैं, कई चैनलों के पत्रकार हैं, कुछ अपने आप बुद्धिजीवी कहते हैं, मुंबई के कुछ भांड जिन्हे नचनिया और गवैय्या की कहा जाता है वो भी इस टीम में शामिल हैं। हमने किसी का नाम नहीं लिखा है लेकिन लोग क्या लिख रहे हैं पढ़ें
अर्बन नक्सल, नक्सली , कांगी, पत्रकारों जावेद अख्तर, मंदर, स्वरा भास्कर, बरखा, दुआ, शेखर, कॅवल, सरदेसाई, द्विवेदी, रबिश का यहीं काम है। आतंकियों, जिहादियों, नक्सलियों को निर्दोष बताना। @Real_Anuj pic.twitter.com/UTDyiDO1g6— Abhishek Yadav (@KingAbhi144) March 7, 2020
हिन्दुद्रोहियों की क्रिया-विधि- 4 टीम में पूरा षड्यंत्रA टीम-दंगा,आगजनी,हत्याएं करती हैB टीम-अर्बन नक्सली स्वरा,जीशान,अनुराग,,,,आदि झूठ फैलाते हैंC टीम-प्रेश्याएँ बरखा,राजदीप,शेखर,,,,आदि इनका एजेंडा चलाते हैंD टीम-वकील सिब्बल,p.भूषण ,,,इनकी पैरवी करते
— Agrawal Shree Prakash (@ShreeP1960) February 26, 2020
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