गुरुग्राम। रैपिड मेट्रो के लिए लीज पर दी गई जमीन के मामले में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रमन मलिक ने जांच करवाने की मांग को लेकर डीसी अमित खत्री व पुलिस कमिशनर मोहम्मद अकील को सोमवार को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रदेश प्रवक्ता रमन मलिक ने पत्रकारवार्ता कर मीडिया के सामने इस घोटाले की जांच की मांग की है। इस मामले में पार्षद आरएस राठी व उसकी पार्कर कंपनी पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह पार्षद आम आदमी पार्टी का नेता वः प्रवक्ता है। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इस मामले में जवाब देना होगा कि आखिरकार भ्रष्टाचार मिटाने का दावा करने वाले नेता ही दागी निकल रहे हैं। वहीं इस मामले में डीसी अमित खत्री ने जमीन की मजिस्ट्रेट जांच के लिए आदेश दे दिए हैं। इस मामले में लीज होल्डर पार्कर कंपनी वे उसके मालिक आरएस राठी को भी जांच में शामिल कराने की मांग की गई है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रमन मलिक ने पिछले कई महीने से करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच के लिए डीसी अमित खत्री को ज्ञापन सौंपा। वर्ष 2011 के बाद से लगातार करोड़ों रुपए हर महीने मेट्रो का संचालन कर रही कंपनी आरएमजीएल के द्वारा पार्कर कंपनी को दिए जा रहे थे।
बता दें कि इसमें विशेष बात यह है कि यह करार 1 अप्रैल 2011 से शुरू हुआ और आर एस राठी ने पार कर कंपनी का गठन 6 अप्रैल 2011 को करा और इस करार पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी को आरएमसीएल कंपनी ने अधिकृत सितंबर 2011 में करा। जिस कंपनी का गठन ही नहीं हुआ उसके नाम पर सब धोखाधड़ी करते हुए सरकारी जमीन हड़पने का काम हुआ।
जब पार्कर कंपनी को दी गई जमीन में से आधी से ज्यादा जमीन सरकार की है। इस सरकारी जमीन को कब्जा कर गलत तरीके से लीज कर आरएमजीएल को दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जिस जमीन के दस्तावेज वह आज प्रेस सांझा कर रहे हैं वह अंदाज में 7750 वर्ग मीटर है और आज के भाव के अनुसार वह कुछ सौ करोड़ की बनती है। 9 साल तक इस जमीन का फायदा राठी दंपत्ति पारकर कंपनी के माध्यम से उठाते रहे।
अरविंद केजरीवाल व सतेन्द्र जैन व उनके साढू सारे के सारे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ऐसे में गुड़गांव के पार्षद व उनकी कंपनी भी भ्रष्टाचार से लिप्त दिखाई दे रही है। जो लोग भ्रष्टाचार हटाने की गुहार लगाते लगाते सत्ता में बैठे वह आज भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं।
सोमवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया को बताया कि यह काफी बड़ा घोटाला है, जिसमें करोड़ों रुपए आरएमजीएल द्वारा सरकारी जमीन से गलत तरीके से लीज कर आम लोगों को दिए गए हैं। इस मामले में पार्षद आरएस राठी व उनकी कंपनी पार्कर भी जांच के घेरे में आएंगी। इस मामले की निष्पक्षता से जांच करानी बहुत जरूरी है। डीसी अमित खत्री ने बताया कि इस मामले की जांच मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी से कराई जाएगी और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा।
इस पत्रकार वार्ता में ब्रह्म याद,, मलखान सिंह यादव, महेंद्र सिंह यादव, नीलम यादव, सविता चौधरी, मोती भारद्वाज, एचएस नंदा, विनोद कपूर वह अन्य आरडब्ल्यूए के प्रधान उपस्थित रहे।
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