नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य्मंत्री अरविन्द केजरीवाल आप मुख्यालय पहुँच चुके हैं। सैकड़ों कार्यकर्ता भी दफ्तर पहुँच चुके हैं। जल्द बड़ा जश्न मनाया जाएगा। सभी 70 सीटों के रुझान आ चुके हैं। आम आदमी पार्टी 53 सीटों पर आगे है जबकि भाजपा भी 16 सीटों पर आगे है। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के लिए कोई तैयारी नहीं की थी। अंतिम समय में शाहीन बाग़ भुनाया गया जिस वजह से इतनी सीटों पर आगे है। केजरीवाल नगर निगम चुनावों के बाद ही विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी थी। निगम चुनावों में हार के बाद केजरीवाल ने कई चीजें मुफ्त की ये उनकी तैयारी थी लेकिन भाजपा उन्हें समझ नहीं सकी। भाजपा ने मनोज तिवारी को अध्यक्ष बनाया लेकिन तिवारी भी अपनी अच्छी छबि नहीं बना सके। निगम चुनावों और लोकसभा चुनावों में हार के बाद केजरीवाल ने एक बार भी मोदी के विरोध में कुछ नहीं बोला। उन्होंने मोदी के वोटरों को नाराज नहीं किया जिसका उन्हें फायदा मिल रहा है।
कांग्रेस की बात करें तो दिल्ली से कांग्रेस के लिए अब बुरी खबर आ रही है। एक सीट पर आगे चल रही कांग्रेस अब वहां से भी पीछे हो गई है। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व दिल्ली को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं दिखा। राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रचार किया लेकिन मोदी के बजाय कांग्रेस पर ही डंडा चला दिया। उनके डंडे वाले बयान पर उनकी जमकर खिंचाई हुई। राहुल गांधी ने शीला दीक्षित के कामकाज को नहीं भुनाया। शायद उन्होंने उस दौरान किये गए कामकाज का नाम तक नहीं लिया बस मोदी पर डंडा चलाने लगे। कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि शीला दीक्षित ने दिल्ली में काफी अच्छा काम काज किया था लेकिन पार्टी उसका फायदा नहीं उठा सकी।
भाजपा को बड़ी नसीहत मिल रही है। कई वर्षों पर गुजरात मॉडल दिखा भाजपा ने कई राज्य जीते लेकिन जहाँ पार्टी की जीत हुई किसी भी राज्य की भाजपा सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। लूट खसोट और बढ़ गई और जनता ने भाजपा से ये राज्य छीन लिए। भाजपा ने दिल्ली से कोई सबक न सीखा तो आगे और हालत खराब हो सकती है। हमेशा हर जगह शाहीन बाग़ ही नहीं मिलेगा। काम करना भी जरूरी है। ढोंग ढकोसले छोड़ भाजपा को काम करना पड़ेगा। मोदी-हमेशा भाजपा नेताओ को नहीं बचा सकते हैं। अब तक के रुझान बता रहे हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है और केजरीवाल ने भाजपा को सबक सिखा दिया है।
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