नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम हाल में तिहाड़ से जमानत पर छूटकर आये हैं और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह इस बार लोकसभा चुनाव भी नहीं जीत सके। इन दो कांग्रेसी नेताओं पर आज बड़े सवाल उठाये जा रहे हैं। इन दोनों नेताओं ने ही हिन्दू आतंकवाद का नारा दिया था जिसका फायदा पाकिस्तान उठाना चाहता था लेकिन मुंबई हमले में कसाब जिन्दा पकड़ लिया गया और पाकिस्तान का पूरा प्लान बेकार हो गया। आज भाजपा कांग्रेस पर जमकर हमले बोल रही है।
आपको बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने दावा किया है कि साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले को लश्कर 'हिंदू आतंकवाद' के तौर पर दिखाना चाहता था। इसके अलावा आतंकी कसाब को वह बेंगलुरु के समीर चौधरी के तौर पर मारना चाहता था। इसके लिए कसाब के हाँथ में बाकायदा कलावा पहनाया गया था जो हिन्दुओं के हाथ में होता है। जाने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने क्या कहा, खबर आगे जारी है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव: कुछ बुद्धिजीवियों ने मुंबई आतंकवादी हमले को RSS से जोड़ने का प्रयास किया था। उन्हें कांग्रेस नेताओं का समर्थन प्राप्त था। राकेश मारिया की किताब से पता चला कि यह षड़यंत्र ISI का था और इसी को आगे ले जाने का प्रयास तथाकथित बुद्धिजीवी कर रहे थे। pic.twitter.com/l8Iqi4htpI— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2020
राकेश मारिया ने सोमवार को रिलीज की गई अपनी किताब 'लेट मी से इट नाउ' में मुंबई हमले समेत कई अन्य मामलों पर भी बड़े दावे किए हैं। किताब के अनुसार, आईएसआई और लश्कर आतंकी कसाब को जेल में ही खत्म करना चाहते थे और इसकी जिम्मेदारी दाउद इब्राहिम गैंग को दी थी।
लश्कर के मुंबई हमले के बारे में बताते हुए मारिया ने किताब में लिखा, 'अगर सबकुछ योजना के अनुसार चलता तो कसाब चौधरी के तौर पर मरता और हमले के पीछे 'हिंदू आतंकवादियों' को माना जाता। पूरी तैयारी की गई थी कि अगले दिन के अख़बारों में दिखाया जाएगा कि हिन्दू आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया। मारिया ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि कसाब से बात करते-करते वो उसके काफी करीबी हो गए थे और कसाब उन्हें जी जनाब कहकर बोलता था। मारिया के मुताबिक़ कसाब को बताया गया था कि भारत के मुसलमान मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ पाते। उन्हें नमाज पढ़ने से रोक दिया गया है। मारिया के मुताबिक़ उन्होंने कसाब को एक मस्जिद दिखाई जहां मुस्लिम नमाज पढ़ रहे थे तो कसाब भौंचक्का रह गया कि उसे कुछ और बताया गया था।
मारिया ने दावा किया कि शहीद मुंबई पुलिस के कॉन्स्टेबल तुकाराम ओंबले के कसाब को जिंदा पकड़ने की वजह से पूरी योजना विफल हो गई। किताब की मानें तो कसाब लूटपाट करने के लिए लश्कर में शामिल हुआ था और उसका जिहाद से कोई संबंध नहीं था।
राकेश मारिया ने किताब में लिखा है कि मुंबई भेजे जाने से पहले कसाब को डेढ़ लाख रुपये दिए गए थे, जिसे उसने अपने परिवार को बहन की शादी के लिए दे दिया था। गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की जान गई थी। वहीं, 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस हमले में आतंकी कसाब जिंदा पकड़ा गया और 21 नवंबर 2012 को फांसी पर लटका दिया गया। मारिया ने ये सच बताने में काफी देर कर दी जिसके बाद उन पर सवाल भी उठ रहे हैं।
इतने बड़े षड्यंत्र की जानकारी होने के बावजूद #राकेशमारिया ने सत्य बताने के लिए इतने वर्ष क्यूं लगा दिए! जबकि उस समय गृहमंत्रालय RVS मणि ने भी 2012 में इस बात का खुलासा किया था!प्रधानमंत्री गृहमंत्री को 26/11 की जांच दोबारा बैठानी चाहिए। @narendramodi@AmitShah #RakeshMaria pic.twitter.com/DtgG4nObzY— मालिनी अवस्थी (@maliniawasthi) February 18, 2020
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद के नाम पर देश को गुमराह करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा कांग्रेस को साल 2014 औऱ 2019 में भुगतना पड़ा। जनता ने उन्हें पूरी तरह से हराया। मारिया की किताब पर पीयूष गोयल ने कहा कि ये बातें उन्हें तब बोलनी चाहिए थीं जब वो पुलिस कमिश्नर थे। गोयल ने सवाल किया कि मारिया ने ये सब बातें अभी क्यों बोला?
पीयूष गोयल ने कहा कि पहली बात तो ये कि मारिया ने ये सब बात अभी क्यों बोला। जब वो पुलिस कमिश्नर थे तब उन्हें ये सब बातें बोलनी चाहिए। वास्तव में सर्विस रूल्स में अगर कोई जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास है तो उनके उसके ऊपर एक्शन लेना चाहिए था। मेरे ख्याल से बहुत गहरी साजिश रची गई थी कांग्रेस द्वारा, यूपीए द्वारा। झूठ और फरेब का एक और नमूना उस समय हमने देखा था जब उन्होंने पूरी तरीके से झूठा हिंदू टेरर...चिदंबरम साहब के कहने पर खड़ा करने की कोशिश की थी।
#WATCH Union Minister Piyush Goyal speaks on reported excerpt from the Ex-Mumbai Police Commissioner Rakesh Maria's book that Kasab would have died as Samir Dinesh Chaudhari with 'red thread around his wrist' had LeT succeeded in their plan pic.twitter.com/cxNTIVVF5K— ANI (@ANI) February 18, 2020
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