फरीदाबद .सुप्रिम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी अरावली पर अवैध खनन व अवैध निर्माण लगातार जारी है। सुप्रिम कोर्ट के आदेशों पर तत्कालीन जिला उपायुक्त अतुल कुमार ने शपथ पत्र (कंटेंप्ट पटीशन नं. 987/2019) के अंर्तगत स्पष्टीकरण दिया है कि प्रशासन जानबूझ कर खनन व निर्माण नहीं करा रहा है। समय समय पर संबंधित विभाग कार्रवाई करता है। किंतु प्रशासन के कार्रवाई किए जाने के बावजूद भी अरावली के वन क्षेत्र का खनन हो रहा है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर का। पाराशर ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि जिला उपायुक्त द्वारा शपथ पत्र में स्पष्ट माना है कि अरावली में अवैध खनन व निर्माण कार्य हो रहे है परंतु वह समय समय पर कार्रवाई कराते हैं। इसका मतलब प्रशासन की जानकारी में अरावली का अवैध खनन है। किंतु माफियाओं की मिलीभगत के चलते प्रशासन नपुसंक बना हुआ है। तत्कालीन जिला उपायुक्त के समय में ही गुडगांवा रोड पर बार्डर से करीब दो एकड दूर ही खनन होते दिखाए थे और इसकी शिकायत उन्होंने की थी। परंतु उस पर अभी तक न कोई प्रशासन ने कार्रवाई की और न ही कोई मुकद्दमा दर्ज किया गया है। इसी तरह यहां अनेक अवैध निर्माण व अवैध खनन की अनेक शिकायतें उन्होंने जिला उपायुक्त को दी थी। पाराशर ने कहा कि प्रत्युत्तर में अब हम सारे फैक्ट सुप्रिम कोर्ट के समक्ष रखेंगे। इसी प्रकार हाल ही में प्रशासन द्वारा यहां तोडफोड की कार्रवाई महज दिखावे के लिए की गई। बडे बडे फार्म हाऊसों की छोटी छोटी दीवारे तोडकर कार्रवाई समाप्त कर दी। जोकि सुप्रिम कोर्ट की आंखों में धूल झोंकने के लिए की गई। प्रशासन कई बार पुलिस फोर्स न होने का बहाना बनाकर अवैध खनन व अवैध निर्माणों को नहीं तोडता जबकि पुलिस कमिश्रर ने यह आदेश दिए हुए हैं कि अरावली वन क्षेत्र में अवैध कार्यो को रोकने के लिए जितनी भी पुलिस फोर्स चाहिए हमेशा उपलब्ध कराई जाऐगी।
पाराशर ने कहा कि वह अरावली क्षेत्र का लगातार दौरा कर रहे हैं। यहां अभी भी अवैध खनन , कब्जे, बोरिंग हो रहा है और यहाँ से करोड़ों के पत्थर अभी भी निकाले जा रहे हैं। ये सब सम्बंधित अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है। पाराशर ने कहा कि एक तरफ यहाँ पीएलपीए ऐक्ट लगा है और सुप्रीम कोर्ट ने अरावली मामले में बड़ा आदेश जारी कर रखा है और दूसरी तरफ यहाँ सरेआम दिनदहाड़े पत्थर चोरी किये जा रहे हैं और ये पत्थर ब्लास्ट कर निकाले जा रहे हैं। पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद में निगम व माईनिंग विभाग सिर्फ गरीबों पर कार्यवाही करने के लिए हैं। बडे माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
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