फरीदाबाद: नगर निगम की जेसीबी में भेदभाव कूट- कूट कर भरा है और ये अवैध निर्माणों को तोड़ने में बड़ा भेदभाव करती है। ये कहना है बार एसोशिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने कहा कि निगम अधिकारी किसी सत्ताधारी या माफिया के अवैध निर्माण को नहीं ढहाते। वकील पाराशर ने कहा कि अगर निगम अधिकारियों पर तोड़फोड़ का दबाव आता है तो बड़े माफियाओं के कोई एक दीवार तोड़कर चले आते हैं जबकि अगर निर्माण किसी गरीब का होता है तो उसे पूरी तरह से ध्वश्त कर देते हैं।
पाराशर ने कहा कि मीडिया के माध्यम से मैंने निगम अधिकारियों को कई बार आइना दिखाया कि बल्लबगढ़ में ऐतिहासिक मटियामहल की जमीन पर अब भी अवैध निर्माण जारी है लेकिन निगम की जेसीबी अब तक बल्लबगढ़ नहीं पहुँच सकी। पाराशर ने कहा कि बल्लबगढ़ पाकिस्तान में नहीं है जो कि निगम की जेसीबी वहाँ नहीं पहुँच पा रही है। उन्होंने कहा कि ये अवैध निर्माण किसी नेता का बताया जा रहा है इसलिए निगम अधिकारी इसे नहीं तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मटियामहल को लेकर मैंने पिछले महीने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और फरीदाबाद के कई अधिकारियों को पार्टी बनाया था। जल्द इस मामले की सुनवाई होने वाली है और जब तक मटियामहल का अवैध निर्माण नहीं ढहाया जायेगा तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा।
उन्होंने कहा कि मटियामहल शहीद राजा नाहर सिंह ने अपनी रानी के लिए बनवाया था और ये जगह कागजों में अब भी उनके परिजनों के नाम है इसलिए यहाँ राजा नाहर सिंह से जुड़ा कोई संग्रहालय या उनके नाम से कोई अस्पताल या स्कूल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि लगभग 800 गज जमीन में कोई भी बड़ा स्कूल, अस्पताल बन सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा किया जायेगा तो शहीद राजा नाहर सिंह का इतिहास सदियों तक जीवित रहेगा।
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