फरीदाबाद: हरियाणा में प्रदेश सरकार ने पॉलीथिन के प्रयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध होने के बावजूद भी पॉलीथिन का पहले से अधिक प्रयोग हो रहा है। शहर व कस्बों के मुख्य बाजार सहित गांव की गलियों में भी पॉलिथीन के ढेर लगे दिखाई दे रहे हैं। सरकार के आदेश के बाद एक दो दिन तक नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारी छापेमारी करते दिखे उसके बाद सब कुछ पहले जैसा हो गया। पोलोथीन से जहां शहर के नाले नालियां पटे पड़े हैं वहीं फरीदाबाद में हर साल सैकड़ों गायों की मौत पोलोथीन के कारण हो रही है। ये कहना है बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एलएन पाराशर का जिन्होंने सरकार को पत्र लिखा है कि जल्द पोलोथीन पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाया जाये।
पाराशर ने बताया कि शहर की कई गौशाला से उन्हें जानकारी मिली है कि कई गौशालाओं में हर महीने कम से कम 10 गायों की मृत्यु हो जाती है। मरी हुई गायों का जब पोस्टमॉर्टम किया जाता है, तो औसतन एक गाय के पेट से 50-60 किलो की मात्रा में पॉलीथिन होती है। ये पॉलीथिन उनके पेट में जमा होते-होते चट्टान की तरह बन जाती है, जिसके कारण ज़्यादातर युवा गायों की मौत हो जाती है।
पाराशर ने कहा कि शहर की कालोनियों में ही नहीं सेक्टरों में भी कूड़े के ढेर लगे हैं और इन कूड़ों में पोलोथीन की ही मात्रा अधिक होती है और हर कूड़े के ढेर के पास आधा दर्जन से ज्यादा गाय हमेशा दिख जाएंगी। उन्होंने कहा कि पोलोथीन बंद न होने से एक तरह से गौ ह्त्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि शहर में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। कई सेक्टरों में सरकारी शौंचालयों में अब भी ताला लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में शौंचालय के नाम पर अधिकारी करोड़ों डकार गए, जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर मांग की है कि पोलोथीन बैन न करवा पाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए और शौंचालय घोटाले की जांच करवाई जाए।
Post A Comment:
0 comments: