फरीदाबाद: अरावली पर अवैध खनन पर लगाम लगाने का इन दिनों जिस तरह का प्रयास किया जा रहा है अगर ऐसे दो दशक पहले से किया गया होता तो वर्तमान समय में अरावली पूरी तरह से हरी भरी होती और अरावली के बड़े-बड़े पहाड़ खनन माफिया गायब न कर पाते। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि फरीदाबाद के खनन माफिया दो दशक से बेलगाम थे और दर्जनों बड़े पहाड़ गायब कर चुके हैं और अरावली पर एक दो नहीं सैकड़ों जगहों पर 100 से 400 मीटर तक गहराई से पत्थर निकाले गए हैं।
वकील पाराशर ने कहा कि दो साल से मैं लगातार अवैध खनन के मामले उठा रहा था। दर्जनों जगहों पर अवैध खनन होते हुए दिखाया था लेकिन अधिकारी अपनी मनमानी करते रहे। पाराशर ने कहा कि अवैध खनन को लेकर मैंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की तब भी अधिकारी बेलगाम ही रहे लेकिन अब कुछ दिनों से प्रदेश के खनन मंत्री और पुलिस ने जो कार्यवाही की है उससे लगता है कि अब अरावली के खनन माफियाओं पर लगाम लगेगी।
पाराशर ने कहा कि हाल में खनन मंत्री मूलचंद शर्मा और पुलिस द्वारा मारे गए छापे में कई खनन माफिया बेनकाब हुए जिन पर मामले भी दर्ज हुए। उन्होंने कहा कि खनन मंत्री आगे भी इसी तरह के कार्य करते रहे तो अरावली पर अवैध खनन और अवैध निर्माण पूर्ण रूप से बंद हो जायेगा।
पाराशर ने कहा कि जिन लोगों ने अवैध खनन कर अरबों के पत्थर लुटे हैं उनकी जांच करवाई जाए और उनसे जुरमाना वसूला जाए। उन्होंने कहा कि खनन विभाग और नगर निगम के जिन अधिकारियों के कार्यकाल में अरावली का चीर हरण हुआ है उनकी भी संपत्ति की जाँच करवा उन पर भी कार्यवाही की जाए। पाराशर ने कहा कि मैंने फरीदाबाद के उस समय के जिला अधिकारी अतुल कुमार और खनन अधिकारी कमलेश के नाम पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जो जबाब दिया है उसके उन्होंने लिखा था कि अरावली पर जहाँ भी अवैध खनन और अवैध निर्माण हो रहा है उस पर हम कार्यवाही कर हैं जिसका सीधा मतलब है कि अरावली पर अवैध खनन और अवैध निर्माण इनके कार्यकाल में भी हो रहा था। पाराशर ने कहा कि अरावली पर अवैध खनन और अवैध निर्माण कभी भी नहीं बर्दाश्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगली तारीख में मैं सुप्रीम कोर्ट में अवैध खनन और अवैध निर्माण के तमाम प्रूफ दूंगा।
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