चंडीगढ़, 28 फरवरी - हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा सरकारी कर्मचारियों के अनुभव से फायदा उठाने के लिए, जो सरकारी कर्मचारी 10 वर्ष की सेवा के उपरांत नौकरी छोडक़र अपना व्यवसाय प्रांरभ करना चाहेंगे, उनके बैंकों के द्वारा ऋण लेने पर गांरटी देगी।
मुख्यमंत्री ने आज यहां हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के दौरान बतौर वित्त मंत्री वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य में सुशासन की परिकल्पना को मूर्त रूप देने में कर्मचारियों व अधिकारियों की अहम भूमिका है। वर्ष 2020-21 से इनके प्रशिक्षण हेतु एक व्यापक कार्यक्रम चलाया जाएगा। हर नए भर्ती हुए कर्मचारी को समग्र रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। हर कार्यरत कर्मचारी को अगले तीन वर्षों में उसकी आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा। पदोन्नति पर कार्यभार संभालने से पहले भी सभी को प्रशिक्षण लेना होगा। हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान को शीर्ष संस्थान के रूप में यह दायित्व सौंपा गया है। इसी प्रकार, पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकायों के सदस्यों को भी नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा ।
मुख्यमंत्री ने बजट अनुमान 2020-21 के लिए सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण के लिए 142.05 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित करते हुए कहा कि हमारे लिए यह बड़ी गर्व की बात है कि देश का हर 10वां जवान हरियाणा से है। राज्य सरकार सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों व अर्ध सैनिक बलों के जवानों के साथ-साथ उनके परिवारों के कल्याण एवं उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे वीर सैनिकों के द्वारा राष्ट्र के प्रति की गई सेवाओं और उनके महान बलिदानों का सम्मान करते हुए, राज्य सरकार द्वारा भूतपूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं को वित्तीय सहायता, सरकारी नौकरियां देने और युद्ध में शहीद हुए वीरों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान और शौर्य अवार्ड व विशिष्ट अवार्ड प्राप्त करने वाले को नगद राशि, उनकी लड़कियों की शादी पर अनुदान, हरियाणा से नये कमीशन्ड अधिकारियों को नकद पुरस्कार जैसी कई स्कीमें चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में गठित सैनिक और अर्धसैनिक कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई स्कीमों के लिए 50 करोड़ रुपये बजट में निर्धारित किए गए हैं। इनमें सैनिकों और अर्ध सैनिकों के आश्रितों के लिए निशुल्क कोंचिग स्कीम, सैनिकों और अर्ध सैनिकों के आश्रितों के लिए उच्च कोटि की शिक्षा स्कीम, सैनिकों और अर्ध सैनिकों के आश्रितों के लिए एम. फिल. एवं पी.एच.डी. के लिए फैलोशिप स्कीम और सैनिकों और अर्धसैनिकों के आश्रितों के लिए कौशल विकास स्कीम शामिल हैं।
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