चंडीगढ़, 20 फरवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य भू-रिकॉर्ड को पूरी तरह डिजिटलाइज करना है ताकि भू-स्वामी किसी भी समय अपनी सक्वपत्तियों और भू-रिकॉर्ड का ब्यौरा ऑनलाइन प्राप्त कर सकें। इसके लिए समेकित हरियाणा भू-रिकॉर्ड सूचना प्रणाली (वैब हैलरिस) विकसित की गई है। इसे 102 तहसीलों व उप-तहसीलों में लागू किया गया है और 30 जून, 2020 तक पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
राज्यपाल आज यहां आरंभ हुए चौदहवीं हरियाणा विधान सभा के प्रथम बजट सत्र के शुभारंभ अवसर पर सदन में अपना अभिभाषण दे रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2020 को सुशासन संकल्प वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार सुशासन की नई-नई पहलों और सभी विभागों द्वारा राज्य के हर क्षेत्र में नागरिकों को बेहतर सरकारी सेवाएं प्रदान करने पर वर्ष भर बल देगी। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के प्रयोग से और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके सहजता से सरकारी सेवाएं मिलने के फलस्वरूप ईज़ ऑफ लिविंग को बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि आगामी सुशासन दिवस के अवसर पर 25 दिसक्वबर, 2020 को मेरी सरकार ऐसी पहलों पर अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेगी और अनुकरणीय कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और विभागों को सम्मानित भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से समूचे ग्रामीण, शहरी और आबादी देह क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर जीआईएस मैपिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना भी शुरू की है। गांवों को ‘लाल डोरा मुक्त’ करने का एक पायलट प्रोजैक्ट 25 दिसक्वबर, 2019 को करनाल जिले के गांव सिरसी के लिए शुरू किया गया। लाल डोरा के भीतर स्थित भूमि और सक्वपत्तियों की रजिस्टर्ड डीड उनके मालिकों को वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि अब 15 जिलों के 75 गांवों की मैपिंग के साथ-साथ सोनीपत, करनाल और जींद जिलों की सम्पूर्ण मैपिंग का कार्य भी शुरू हो चुका है। सात जिलों नामत: करनाल, पलवल, रेवाड़ी, पंचकूला, यमुनानगर, फरीदाबाद और गुरुग्राम में आधुनिक राजस्व-रिकॉर्ड रूम परियोजना स्थापित की गई है और वर्ष 2020-21 के दौरान शेष जिलों में भी इस वर्ष स्थापित की जाएंगी।
राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा में आई.टी. समर्थित समाधानों के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से 26.97 लाख परिवारों के 1.19 करोड़ लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। हाल ही में, ई-वेईंग मशीनों को सभी उचित मूल्य की दुकानों में स्थापित प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस से जोड़ा गया है ताकि प्रणाली को अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार पांच जिलों- अक्वबाला, करनाल, हिसार, रोहतक और यमुनानगर में पोषणयुक्त आटा वितरित कर रही है। सरकार का प्रयास रहेगा कि इसका विस्तार और जिलों में भी किया जाये।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य में 2019 से शुरू किए गए ‘जल शक्ति अभियान’के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक गतिविधियां चलाई गईं। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 25,000 सार्वजनिक भवनों में वर्षा जल संचयन संरचनाएं स्थापित की गई हैं। भूमिगत जल स्तर में सुधार के लिए गांवों में 1.25 लाख से अधिक सोखता गड्ढों का निर्माण किया गया है। सुधार के लिए 4,000 तालाबों को चिह्नित किया गया है और 700 से अधिक तालाबों की गाद निकालने और गहरा करने का काम शुरू किया जा चुका है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर में एक कार्यात्मक नल के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर की दर से जल पहुंचाने अर्थात् ’हर घर नल से जल’के लिए भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन (जेजेएम) शुरू किया गया है। सरकार ने इस लक्ष्य को दो वर्ष पहले ही वर्ष 2022 में हासिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की अवधि के दौरान प्रति कनेक्शन 2,000 रुपये के रोड कट शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रति घरेलू नल कनेक्शन के लिए 500 रुपये के अग्रिम शुल्क का भुगतान करने का विकल्प भी दिया जा रहा है अथवा पेयजल आपूर्ति के लिए वर्तमान में सामान्य वर्ग से वसूल किये जा रहे 40 रुपये प्रतिमाह की जगह 50 रुपये तथा अनुसूचित जातियों के लिए शुल्क 20 रुपये प्रति माह की बजाय 30 रुपये प्रतिमाह होगा। इस मिशन में भारतीय मानक ब्यूरो के आई.एस.: 10500 के मानदण्ड के अनुरूप प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति करना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अब तक 2 लाख 75 हजार से अधिक पानी के कनेक्शन नियमित किए जा चुके हैं।
राज्यपाल ने कहा कि ताजा जल संसाधनों पर निर्भरता को कम करने के लिए हरियाणा ने उपचारित अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग की नीति बनाई है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उपचारित अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग के लिए जिलावार व्यापक और समयबद्ध कार्य योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इस नीति के तहत राज्य सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि किसी भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के 50 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी थर्मल पॉवर प्लांट्स को टावरों की कूलिंग व बिजली उत्पादन के दूसरे कार्यों के लिए ताजा पानी की बजाय ट्रीटेड वेस्ट वाटर का उपयोग अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके अलावा, प्रति दिन 1,000 किलो लीटर पानी का उपयोग करने वाले हर उद्योग को भी ताजा पानी के स्थान पर ट्रीटेड वेस्ट वाटर का उपयोग अनिवार्य रूप से करना होगा। यही नहीं, सभी शहरी निकायों में भी पेयजल को छोडक़र अन्य उद्देश्यों जैसे कि बगीचों, बागवानी और पार्कों आदि के लिए उपचारित जल का उपयोग करना होगा।
सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि बेहतर जल प्रबंधन के लिए 6,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ‘अटल भूजल योजना’शुरू की गई है। इस योजना में सात राज्यों को शामिल किया गया है, जिनमें हरियाणा भी है। यह योजना हरियाणा के जल संकट वाले चयनित 36 खंडों में लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में पूर्वानुमानित जल संकट की चुनौती से निपटने के लिए तत्परता से काम कर रही है और हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने ट्रीटेड वेस्ट वाटर के साथ सूक्ष्म सिंचाई को लागू किया है। ताजा पानी की जगह ट्रीटेड वेस्ट वाटर का प्रयोग करने से नहरी पानी की बचत होगी और भू-जल पर निर्भरता कम होगी। भारत सरकार द्वारा 1,200 करोड़ रुपये लागत की एक परियोजना की सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति दी गई है, जिससे 1 लाख 20 हजार एकड़ क्षेत्र को लाभ होगा।
सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को बागवानी की मुक्चय फसलों के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बाजार में उपज के भाव कम होने की स्थिति में ‘भावांतर भरपाई योजना’के तहत किसानों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि हाल ही में बारह नई सब्जियों नामत: गाजर, मटर, बैंगन, शिमला मिर्च, भिण्डी, मिर्च, घीया, करेला, हल्दी, बन्दगोभी, मूली, लहसुन तथा तीन फलों-अमरूद, आम और किन्नू को भी इस योजना में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रेडिंग, सोर्टिंग, पैकिंग, ब्रांडिंग, मूल्य संवर्धन, भण्डारण तथा फलों व सब्जियों के रेफ्रिजरेटिड ट्रांसपोर्ट के लिए इंटिग्रेटिड पैक हाउसेज़ स्थापित कर रही है और मध्यस्थों को हटाकर किसानों की बाजार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 14 करोड़ 36 लाख रुपये की लागत से 3 ऐसे पैक हाउस स्थापित किये हैं और वर्ष 2020 में विभिन्न बागवानी फसल समूहों में 181 करोड़ 72 लाख रुपये की लागत से 52 और ऐसी परियोजनाएं स्थापित की जायेंगी।
राज्यपाल ने कहा कि मार्केटिंग सीजन 2019-20 के दौरान 6 लाख 19 हजार मीट्रिक टन सरसों की रिकॉर्ड खरीद की गई। इसके अलावा 13 हजार 156 मीट्रिक टन सूरजमुखी की खरीद भी की गई। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की पूरी राशि किसानों के खातों में सीधे जमा कराई गई। तिलहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने और बढ़ाने के लिए हरियाणा को 2 जनवरी, 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रशस्ति पुरस्कार (कृषि कर्मण अवार्ड) प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि खरीद में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ‘किसान पंजीकरण पोर्टल (मेरी फसल मेरा ब्यौरा) के माध्यम से फसलों की अधिकतम मात्रा में खरीद करने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें चार मानदण्ड नामत: किसान द्वारा स्वयं प्रविष्टि, ई-गिरदावरी, कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा सत्यापन और उपग्रह चित्रों के माध्यम से प्रमाणीकरण का उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस माध्यम से चालू रबी सीजन में अब तक 6 लाख 40 हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण किया गया है। चालू वित्त वर्ष के दौरान 93 लाख 60 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई और किसानों को इसके लिए 17,222 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि खरीफ मार्केटिंग सीजन 2019-20 के दौरान 11,870 करोड़ 62 लाख रुपये की राशि से 64 लाख 69 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद 1,835 रुपये प्रति ञ्चिवंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि मेरी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सामूहिक इनपुट मैनेजमैंट, उपज संग्रह और उनकी कृषि व्यापार गतिविधियों के प्रबन्धन को बढ़ावा देने के लिए ‘किसान उत्पादक संगठनों’की स्थापना को प्रोत्साहित कर रही है। अब तक राज्य के विभिन्न खण्डों में 409 किसान उत्पादक संगठन बनाए जा चुके हैं और वर्ष 2022 तक इनकी संक्चया बढ़ाकर 1,000 करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों के उचित उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किसानों को लगभग 81 लाख 69 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किये गये हैं। इस वर्ष कृषि विपणन समितियों की 111 मंडियों और सबयार्ड में मृदा जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने का सरकार का लक्ष्य है। इन जांच परिणामों के आधार पर खण्ड स्तरीय उर्वरता मानचित्र तैयार किये जाएंगे। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा गांव सेरसा में मसाला मण्डी, पिंजौर में सेब मण्डी और गुरुग्राम में फूल मण्डी भी विकसित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा हेतु फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक व्यापक अभियान चलाया गया। मशीनों पर 80 प्रतिशत अनुदान प्रदान करके लगभग 1,672 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किये गये हैं। फसल अवशेषों के स्थान पर ही (इन-सिटू) प्रबंधन के लिए लगभग 5,228 किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपकरण प्रदान किए गए हैं। फसल अवशेषों को दूसरे स्थान पर ले जाकर इनका प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए विपणन व्यवस्था करने के भी प्रयास किये गये हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा के जो किसान मूलधन की अदायगी समय पर करते हैं, उन्हें बिना किसी ब्याज के फसली ऋण प्रदान किये जा रहे हैं। वर्ष 2018-19 के दौरान लगभग पांच लाख किसानों को 127 करोड़ 88 लाख रुपये की ब्याज राहत दी गई है। प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले ऐसे किसानों, जो ऋण की अदायगी न करने के कारण डिफाल्टर हो गये थे, उन्हें बड़ी राहत पहुंचाने के लिए पहली सितम्बर, 2019 से एकमुश्त निपटान योजना शुरू की गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जमीनी स्तर पर सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध है ताकि पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास के प्रयासों में अग्रणी रहें।
राज्यपाल आज यहां आरंभ हुए चौदहवीं हरियाणा विधान सभा के प्रथम बजट सत्र के शुभारंभ अवसर पर सदन में अपना अभिभाषण देे रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को बेहतर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। सरकार ने निर्वाचन क्षेत्र के सम्बन्धित विधायक की अनुशंसा पर हर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराने का वादा किया है। ग्राम पंचायतों को और सशक्त करने के उद्देश्य से सरकार ने ग्राम पंचायतों को स्वच्छता, जल संरक्षण, फसल अवशेष जलाने में कमी लाने जैसे विभिन्न कार्यों पर निगरानी रखने की शक्तियां प्रदान की हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यदि ग्राम सभा की बैठक में कुल सदस्य संक्चया में से दस प्रतिशत सदस्य, गांव की सीमा में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, तो उन्हें प्रस्ताव पारित करने की शक्ति दी गई है। उन्होंने कहा कि अंतर जिला परिषद् का गठन स्थानीय निकायों के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की एक अग्रणी पहल है। यह राज्य की प्राथमिकताओं पर परिचर्चा करने का एक मंच है। इस परिषद में राज्य के सभी भागों के शहरी स्थानीय निकायों, जिला परिषदों और पंचायत समितियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इस परिषद् की अब तक हुई बैठकों में स्थानीय निकायों को और अधिक कार्य, निधियां व कर्मियों का अंतरण करने के लिए कई सिफारिशें की गई हैं। इनमें से कई सिफारिशें लागू की जा चुकी हैं और राज्य सरकार अंतर जिला परिषद् के विचार-विमर्श के माध्यम से शहरी स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों और दायित्वों को समुचित रूप से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री सत्यदेव नारायण ने कहा कि ’न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’के सिद्धांत पर आगे बढ़ते हुए राज्य एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए संकल्पबद्ध है, ताकि ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप माहौल तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार के समुचित अवसर सृजित करने के लिए महत्वाकांक्षी सुधारों और कदमों पर निरंतर बल देती रहेगी। इसके लिए ग्रीन फील्ड निवेश को बढ़ावा देकर राज्य के सभी क्षेत्रों में उद्योगों और उद्यमों का विस्तार किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार निवेश को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के लिए कृषि कारोबार और खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स व रिटेल, फार्मास्यूटिकल और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) से संबंधित राज्य की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष बल देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डेटा सेंटर नीति और विद्युत वाहन नीति तैयार करने की भी प्रक्रिया में है। सरकार एमएसएमई को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सहायता करने के व्यापक दृष्टिकोण पर चलती रहेगी।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की कमी और समुद्री बंदरगाहों से दूर होने के बावजूद निर्यात के मोर्चे पर राज्य का प्रदर्शन सराहनीय है। वर्ष 1967-68 के दौरान राज्य से 4.5 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था, जो वर्ष 2018-19 में बढक़र लगभग 98,570.24 करोड़ रुपये हो गया। निर्यात की मात्रा के मामले में हरियाणा इस समय देश में पांचवें स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि राज्य ने चालू वित्त वर्ष में राज्य जीएसटी राजस्व के तहत 18.44 प्रतिशत की बेहतरीन वृद्धि दर्ज की है। जीएसटी के तहत रिफंड देने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और स्वचालित करके मानव हस्तक्षेप को खत्म किया गया है। रिफंड प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी, दोनों का रिफण्ड एक ही कार्यालय से देने की व्यवस्था की गई है।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने पंजीकृत व्यापारियों के लिए दो बीमा योजनाएं अर्थात् दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी दिव्यांगता के मामले में ‘मुक्चयमंत्री व्यापारी सामूहिक निजी दुर्घटना बीमा योजना’और सामान के स्टॉक व फर्नीचर आदि के नुकसान की भरपाई के लिए ‘मुक्चयमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना’ शुरू की हैं। राज्य सरकार इन बीमा योजनाओं के लाभार्थियों की ओर से सम्पूर्ण प्रीमियम का भुगतान करेगी। अब तक इस योजना के अंतर्गत 3.13 लाख करदाताओं को पंजीकृत किया गया है।
सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि प्रदेश में संपत्ति कर को सुव्यवस्थित करने के लिए, केन्द्रीयकृत जीआईएस आधारित संपत्ति कर सर्वेक्षण किया जा रहा है, जो सटीक आयामों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चित्रों के साथ प्रत्येक संपत्ति को विशिष्ट संपत्ति आईडी (डिजिटल डोर नंबर) प्रदान करेगा। इससे नागरिक अपनी संपत्तियों का स्व-आकलन कर सकेंगे। इस प्रणाली से स्थानीय निकायों के राजस्व में पर्याप्त वृद्धि होने की भी सम्भावना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विकास योजनाओं को शीघ्र अंतिम रूप देने पर विशेष बल दिया है और पहली अप्रैल, 2019 के बाद 9 विकास योजनाओं के प्रारूपों और 10 अंतिम विकास योजनाओं को अधिसूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक कुल 46 अंतिम विकास योजनाओं और 29 प्रारूप विकास योजनाओं को अधिसूचित किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विस्तारित हरियाणा उप-क्षेत्र के लिए उप-क्षेत्रीय योजनाएं अनुमोदित की गई हैं। इससे करनाल, महेंद्रगढ़, जींद और भिवानी जिलों तथा एनसीआर में जोड़े गये नये जिलों में मुख्य ढांचागत विकास कार्यों को गति मिलेगी।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों को नियंत्रित करने व ’सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शुरू की गई दीन दयाल जन आवास योजना के मानदंडों और प्रक्रियाओं को व्यवस्थित किया गया है। पिछले वर्ष 431 एकड़ क्षेत्र के लिए कुल 49 लाइसेंस प्रदान किए गए, जिससे लगभग एक लाख 18 हजार लोगों के लिए नई आवासीय सुविधा सृजित हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी पालिकाएं सशक्त शासन संस्थानों के रूप में उभरें। सरकार का उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और विकास कार्यों पर उनके स्वयं के स्तर पर निर्णय लेने में सक्षम बनाना है।
उन्होंने कहा कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमरुत) के तहत 2,521 करोड़ 35 लाख रुपये की राशि से शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, सीवरेज और जल निकासी प्रणाली को मजबूत करने के लिए विकास कार्य पूरे जोरों पर चलाए जा रहे हैं। अमरुत के अंतर्गत आने वाले सभी शहरी स्थानीय निकायों के जीआईएस एप्लीकेशन-आधारित मास्टर प्लान तैयार करने के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना प्रगति पर है, जिसके इस साल पूरा होने की संभावना है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 650 आवासीय इकाइयां पूरी हो चुकी हैं और 7,781 आवासीय इकाइयों का निर्माण जारी है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से पात्र लाभार्थियों को 85 करोड़ 45 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई है। लाभार्थी द्वारा निर्मित ईडब्ल्यूएस आवास निर्माण योजना के तहत 5,000 और ईडब्ल्यूएस मकानों का निर्माण 31 मार्च, 2020 तक पूरा होने की संभावना है।
सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक गांव के लिए एक एकीकृत वनीकरण योजना बनाई जा रही है। वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य के लगभग 6,841 गांवों में से 1,100 गांवों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
राज्यपाल ने आज यहां आरंभ हुए चौदहवीं हरियाणा विधान सभा के प्रथम बजट सत्र के शुभारंभ अवसर पर सदन में अपना अभिभाषण देते हुए कहा कि इस योजना के तहत किसान अपने खेतों में वृक्षारोपण करेंगे तथा पंचायत की जमीनों पर फलों के बाग लगाए जायेंगे, जिससे पंचायत की आय में बढ़ोतरी के अतिरिक्त पर्यावरण में कार्बन की मात्रा कम भी होगी। उन्होंने कहा कि जहां 2 एकड़ तक भूमि उपलब्ध होगी, वहां पंचायतों की सहमति से जैव-विविधता हेतु सघन पौधारोपण किया जाएगा, जिससे यह स्थल आक्सीजन-पार्क का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि पौधागिरी तथा जल शक्ति अभियान के तहत स्कूलों, घरों तथा जोहड़ों को भी शामिल किया जाएगा। इससे प्रत्येक गांव में जल स्तर में सुधार के साथ-साथ सतत् विकास होगा तथा आने वाले वर्षों में राज्य में 20 प्रतिशत वन क्षेत्र का लक्ष्य प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को ‘राज्य प्रतिपूर्ति वनीकरण प्रबंधन कोष’ के लिए हाल ही में 1,282 करोड़ 65 लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई है। इस राशि में से हर वर्ष 10 प्रतिशत राशि पौधारोपण के लिए उपयोग की जाएगी। इस परियोजना के तहत 211 करोड़ रुपये की लागत से 1,333 हैक्टेयर भूमि में पौधारोपण किया जाएगा और वन्यजीव संरक्षण पहलों पर काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खनन गतिविधियों को सुव्यवस्थित किया है तथा छोटे खनन क्षेत्रों को ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित करने की प्रक्रिया से खनन क्षेत्र में रुचि रखने वाले छोटे उद्यमियों को भी अवसर मिले हैं। खनन से 31 जनवरी, 2020 तक 532 करोड़ 81 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में खनिजों की ढुलाई के लिए ई-रवाना बिलिंग शुरू करके एक बड़ी पहल की है। इस नई व्यवस्था से न केवल खनिज ढुलाई पर प्रभावी रूप से नियंत्रण होगा बल्कि निगरानी करने में भी सुविधा रहेगी तथा खनिज कर एवं अन्य करों की वसूली में सुधार होगा।
सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को पारदर्शी तरीके से नौकरी देने के लिए ‘हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 2018’ के तहत 49 खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी देने की पेशकश की है। वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान खिलाडिय़ों को उनकी उपलब्धियों के लिए 195 करोड़ 5 लाख रुपये के नकद पुरस्कार दिए गए हैं।
राज्यपाल ने आज यहां आरंभ हुए चौदहवीं हरियाणा विधान सभा के प्रथम बजट सत्र के शुभारंभ अवसर पर सदन में अपना अभिभाषण देते हुए कहा कि राज्य सरकार विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार पर निरन्तर बल देते हुए यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि प्रारक्विभक कक्षाओं के छात्र अपनी आयु/ग्रेड के अनुरूप शिक्षण स्तर प्राप्त करें। इसके अलावा, माध्यमिक कक्षाओं में भी यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि बोर्ड परीक्षा परिणाम में महत्वपूर्ण सुधार हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा और सीखने के परिणामों की गुणवत्ता में सुधार के लिए 119 ब्लॉकों में मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा कॉलेजों के स्टाफ और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा। सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अनुरूप, वर्ष 2020 तक राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद् से मान्यता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी कॉलेजों में डिजिटल और ई-लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए ’परिवर्तन और नवाचार हेतु हरियाणा में सूचना अध्ययन में डिजिटल क्रांति’(दृष्टि) नामक कार्यक्रम शुरू किया गया है। सत्र 2019-20 से प्रदेश में 5 नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और 4 नए निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त, 22 नए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है।
राज्यपाल ने कहा कि सक्षम युवा योजना के तहत अब तक कुल 96,772 पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार युवाओं को हर मास 100 घंटे का मानद कार्य दिया गया है तथा 10,906 सक्षम युवाओं को कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। राज्य सरकार ने रोजगार सृजन और बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए विभिन्न निजी उद्यमों के साथ भागीदारी की है। सक्षम हरियाणा अभियान के तहत ओला, उबर, जी4एस, जोमैटो और स्विगी के साथ एमओयू करके 65,438 बेरोजगार युवाओं को कैब/टैक्सी ड्राइवरों (सक्षम सारथी), सुरक्षा गार्ड (सक्षम रक्षक) और खाद्य पदार्थ वितरकों के रूप में रोजगार दिया गया है। अन्य रोजगार प्रदाताओं के साथ भी इसी प्रकार के समझौते किए जा रहे हैं ताकि हरियाणा के बेरोजगार युवाओं को लाभप्रद रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि रोजगार के इच्छुक युवाओं और नियोक्ताओं के पंजीकरण के लिए एक नया पोर्टल शुरू किया जा गया है ताकि नियोक्ताओं को बेरोजगार युवाओं का विवरण मिल सके और वे अपनी आवश्यकता के अनुरूप सुगमता से योग्य युवाओं का चयन कर सकें।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि सरकार श्रमिकों के पारिश्रमिक अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी की दरें साल में दो बार संशोधित की जाती हैं। वर्तमान में अकुशल श्रमिकों के लिए 9024 रुपये 24 पैसे प्रति माह मानदेय निर्धारित किया गया है। असंगठित मजदूरों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा में ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत पंजीकरण में हरियाणा राज्य देश में शीर्ष पर है। उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों की विभिन्न कल्याणकारी स्कीमों पर 209.23 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और 1,52,105 लाभ प्रदान किए जा चुके हैं। हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा चालू वित्त वर्ष के दौरान 42.50 करोड़ रुपये के 83,816 लाभ वितरित किये गये हैं।
सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि प्रदेश में सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए सभी विभागों में सामान्य डेटाबेस, सामान्य अनुप्रयोग, सामान्य नेटवर्क और सूचना विज्ञान (भू-सूचना विज्ञान सहित) को बढ़ावा देने और विकास के लिए ‘नागरिक संसाधन सूचना’ नामक एक नया विभाग गठित किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि मुक्चयमंत्री परिवार समृद्धि योजना के नाम से एक अनूठी स्कीम शुरू की गई है, जिसके तहत ऐसे परिवारों, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है और भूमि जोत पांच एकड़ तक है, को बीमा और पेंशन स्कीमों के लिए लाभग्राही के अंशदान हेतु 6,000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। इसके बाद यदि कोई राशि बचती है, तो वह नकद दी जाएगी या परिवार भविष्य निधि में जमा करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत परिवारों का पंजीकरण शुरू हो चुका है और 18 फरवरी, 2020 तक सामान्य सेवा केन्द्रों व सरल केन्द्रों में मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना पोर्टल पर लगभग 3 लाख परिवारों का पंजीकरण हो चुका है परन्तु भुगतान सत्यापित लाभार्थियों को ही किया जा रहा है।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सरकार डिजीलॉकर, आधार नामांकन और तीव्र मूल्यांकन प्रणाली के माध्यम से ई-गवर्नेंस सेवाओं व योजनाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। राज्य की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पंचकूला में एक नया राज्य डेटा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। इस केन्द्र के दो से तीन वर्षों में पूरा होने की संभावना है। नागरिकों की सुविधा के लिए, रिंग आर्किटेक्चर और वाईफाई हॉटस्पॉट्स का कार्यान्वयन करके इसे और अधिक सुदृढ़ बनाने हे
सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि किसानों और मजदूरों को 10 रुपये प्रति थाली की रियायती दर पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश की मंडियों और चीनी मिलों में ‘अटल किसान-मजदूर कैंटीन’स्थापित की जा रही हैं और इस वर्ष 25 ऐसी कैंटीनें स्थापित की जाएंगी जिनमें से पांच मार्केट कमेटियों नामत: करनाल, भिवानी, नूंह, पंचकूला व फतेहाबाद तथा सहकारी चीनी मिल, करनाल में ये कैंटीनें संचालित की जा चुकी हैं।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों के व्यक्तियों जैसे कि वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों, बौनों, निराश्रित बच्चों, एक या एक से अधिक बेटी वाले अभिभावकों, स्कूल न जा रहे दिव्यांग बच्चों और कश्मीरी विस्थापितों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। पहली जनवरी, 2020 से पेंशन में 250 रुपये प्रति मास की वृद्धि की गई है तथा वर्ष 2019-20 के दौरान 27.94 लाख से अधिक लाभानुभोगियों के लिए 6496.58 करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि ‘मुक्चयमंत्री विवाह शगुन योजना’ के तहत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों जैसे कि -बीपीएल अनुसूचित जातियों/विमुक्त जातियों/टपरीवास जातियों, आर्थिक रूप से कमजोर अन्य वर्गों, विधवाओं एवं निराश्रित महिलाओं तथा महिला खिलाडिय़ों को उनकी स्वयं की अथवा उनकी बेटी की शादी के अवसर पर 11,000 रुपये से लेकर 51,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत 30 नवम्बर, 2019 तक 20,592 विवाहों पर 68.83 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि सरकार महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने तथा लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए केंद्र सरकार की सहायता से प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, समेकित बाल विकास योजना, पूरक पोषाहार कार्यक्रम, आपकी बेटी हमारी बेटी योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना, पोषण अभियान, महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर और राज्य संसाधन केंद्र इत्यादि जैसे कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 से 45 वर्ष की आयु की गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग की किशोरियों और महिलाओं में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है, जिसके तहत वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में लगभग 11 लाख बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन दिए जाएंगे।
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