19 फरवरी 2020: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मांग की कि खनन मंत्री मूलचंद शर्मा के हरियाणा में अवैध खनन पुलिस सरंक्षण में होने की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति के बाद यह आवश्यक है कि प्रदेश में हो रहे अवैध खनन की निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई से करवाई जाये। विद्रोहीे ने कहा कि कैग रिपोर्ट में यमुना में अवैध खनन व यमुना नदी का रास्ता बदलने के खनन माफियों के कुप्रयासों की पोल खुल चुकी है। कैग रिपोर्ट में यमुनानगर से लेकर कुंडली बोर्डर तक यमुना नदी में रेत-बजरी के अवैध खनन का विस्तृत ब्यौरा आने के बाद भी मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर जांच के नाम पर दड मारे पड़े है। मुख्यमंत्री की चुप्पी ही प्रमाण है कि यह अवैध खनन सत्ता बल पर संघी कर रहे है और करोड़ों रूपये की मोटी चांदी कूट रहे है। विद्रोही ने कहा कि अब तो खनन मंत्री मूलचंद शर्मा सार्वजनिक रूप से कहे रहे है कि प्रदेश में अवैध खनन व ट्रक ओवर लोडिंग पुलिस सरंक्षण में होती है। सवाल उठता है कि अवैध खनन करवाने वाली पुलिस को किसका सरंक्षण है? साफ है कि यह सारा खेल भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री के सरंक्षण में हो रहा है। इस खेल में भाजपा सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, व् अन्य नेता शामिल है जिनके नाम कई बार सार्वजनिक भी हो चुके है।
भिवानी जिले के डाडम क्षेत्र में अवैध खनन का मुद्दा कई बार जोरशोर से उठ चुका है। हजारो करोड़ रूपये का डाडम माईन घोटाला, अवैध खनन प्रभावशाली भाजपा नेता के सरंक्षण में खुलेआम हो रहा है। डाडम के आसपास के लोग, सामाजिक संगठन कई बार इसकी शिकायत कर चुके है, पर कोई कार्रवाई नही हुईं विद्रोही ने आरोप लगाया कि महेन्द्रगढ़, भिवानी, चरखी दादरी, मेवात, गुरूग्राम, फरीदाबाद में ना केवल अवैध पत्थ, बजरी का खनन होता है अपितु इन जिलों के साथ लगते राजस्थान से भी पत्थरों से भरे ट्रकों की अवैध तस्करी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के सरंक्षण में होती है और इस खेल में भाजपा-संघी नेता संलिप्त है। दक्षिणी हरिायाणा में पत्थरों व उत्तरी हरियाणा में रेत-बजरी का अवैध खनन माफिया खुलेआम अंजाम दे रहे है जिन्हे भाजपा सरकार का पूरा सरंक्षण है। प्रदेश में अवैध खनन का हजारों करोड़ रूपये का घोटाला सत्ता बल पर फल-फूल रहा है। विद्रोही ने कहा कि रात को अवैध खनन के पत्थरों, बजरी, रेत से भरे डम्पर, ट्रक पूरे प्रदेश में धडल्ले से चल रहे है, पर उन्हे रोकने वाला कोई नही है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को खुली चुनौती दी कि यदि वे ईमानदार है और खनन माफियों को सत्ता सरंक्षण नही दे रहे है तो कैग रिपोर्ट व अपने खनन मंत्री के बयान के आधार पर प्रदेश में हो रहे अवैध खनन की निष्पक्ष-स्वतंत्र जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई से करवाने की हिम्मत दिखाये।
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