चंडीगढ़: दिल्ली के चुनाव में मुद्दे हार गए, मुफ्तखोरी जीत गई। ये कहना है हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का जिनके एक ट्वीट पर अब कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने सवाल उठाया है।
रोहतक में माकपा राज्य सचिवमंडल की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए पार्टी राज्य सचिव सुरेंद्र सिंह ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव पर प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज का मुफ्तखोरी की जीत का बयान जनादेश का अपमान है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता में इन चुनाव में भाजपा के नफरत, हिंसा और विभाजनकारी प्रचार को जनता ने निर्णायक तौर पर नकारा है। जिसे भाजपा पचा नहीं पा रही है।
उनका कहना था कि अपने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के एजेंडे पर जनता से माफी मांगने की बजाय भाजपा जानबूझकर इस तरह के हताशापूर्ण बयान अपने नेताओं से दिलवा रही है। दूसरी ओर जन कल्याणकारी योजनाओं को मुफ्त खोरी कहना भाजपा के जन विरोधी मानसिकता को ही दर्शाता है।
सर्वविदित है कि सरकार आम जनता से अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से ही बजट का अच्छा खासा हिस्सा जुटाती है परंतु जनता के पैसे को जनता पर खर्च करने के जनकल्याणकारी शासन के एजेंडे को मुफ्तखोरी कहकर सरकार जन सेवाओं को तबाह कर रही है।
लाखों-करोड़ों रुपए की रियायत कारपोरेट घरानों को आए साल दी जाती है, जिसे सरकार मुफ्तखोरी के रूप में कभी भी जनता के सामने नहीं रखती। जिसके चलते आम जनता को बदहाली की ओर धकेला जा रहा है जबकि वास्तविकता में सरकार का प्रमुख काम आम लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जन सेवाएं उपलब्ध करवाना है। परंतु ज्यादातर सरकार इन कामों को छोड़कर कारपोरेट की सेवा में लगी हुई है।
माकपा राज्य सचिव सुरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश के गृहमंत्री अलग-अलग मुद्दों पर लगातार ऐसे घृणित और गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। ऐसे गैर जिम्मेदार व्यक्ति संवैधानिक पदों की गरिमा को भी छिन्न-भिन्न कर रहे हैं। प्रदेश के गृहमंत्री को अपने आचरण को सुधारना चाहिए।
दिल्ली के चुनाव में मुद्दे हार गए, मुफ्तखोरी जीत गई ।— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) February 11, 2020
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