नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं पशुपालन का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। देश की लगभग 68 प्रतिशत आबादी कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर है।
सकल घरेलू कृषि उत्पाद में पशुपालन का 28-30 प्रतिशत का योगदान है जिसमें दुग्ध एक ऐसा उत्पाद है जिसका योगदान सर्वाधिक है। भारत में विश्व की कुल संख्या का 15 प्रतिशत गायें एवं 55 प्रतिशत भैंसें है और देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 53 प्रतिशत भैंसों व 43 प्रतिशत गायों और 3 प्रतिशत बकरियों से प्राप्त होता है।
भारत लगभग 121.8 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन करके विश्व में प्रथम स्थान पर है जो कि एक गर्व की बात है और उसमें भी उत्तर प्रदेश इसमें अग्रणी है। यह उपलब्धि पशुपालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे मवेशियों की नस्ल, उनका पालन-पोषण, स्वास्थ्य एवं आवास का प्रबंधन इत्यादि में किए गये अनुसंधान एवं उसके प्रचाररसार का परिणाम है। लेकिन आज भी कुछ अन्य देशों की तुलना में हमारे पशुओं का दुग्ध उत्पादन अत्यन्त कम है और इस दिशा में सुधार की बहुत संभावनायें है।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के साथ-साथ पशुपालन किसानों का एक ऐसा विकल्प बन सकता है और उनकी आय में अच्छा खासा इजाफा कर सकता है। पशुपालन में कई बातें हैं जिनका खास ध्यान रखना ज़रूरी है। जैसे की उनका खान-पान, इसका ध्यान रखना अति आवश्यक है क्यूंकी दुग्ध उत्पादन अत्याधिक चारे पर और उनकी सेहत पर ही निर्भर करता है।
ऐसे तो बाज़ार में कई तरह के पशु आहार उपलब्ध हैं, लेकिन किसी भी प्रकार का आहार खरीदने से पहले ध्यान रखें आहार में सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में होने चाहिए। आहार होने के साथ-साथ पशु को संतुष्टि प्रदान करने वाला भी होना चाहिए। थोड़ा आहार में भारीपन भी होना चाहिए जिसमें सस्तापन, ताजा तथा स्वादिस्ट भी होना चाहिए जिससे पशु इसे चाव से खाये।
ऐेसा आहार लें जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व एक उचित अनुपात उचित मात्रा में मिलाये जाते हों। संतुलित पशु आहार बनाने के लिये उच्च गुणवत्ता के अनाज ग्वारमील, अनाज भूसी, शीरा, नमक, खनिज लवण तथा विटामिनों का प्रयोग किया जाता है इसे पशु बड़े चाव से खाते हैं और यह महंगा भी नहीं होता है। ऊर्जा प्रोटीन, खनिज व विटामिन से भरपूर पशु आहार से जानवर स्वस्थ रहते हैं, उनका विकास भी अच्छा होता है और जानवर समय पर हीट पर (गर्भित होने के लिये समय पर तैयार हो जाते हैं) आ जाते हैं। इफको किसान ने इन सभी बातों को ध्यान मैं रखते हुये थ्री स्टार, फोर स्टार तथा फाइव स्टार पशु आहार बनाए है जो पशुपालकों को उचित दाम पर अच्छी ऊर्जा, प्रोटीन, खनिज व विटामिन से भरपूर पशु आहार प्रदान कर रहा है।
खनिज लवण जहां पशुओं के शरीरिक क्रियाओं जिसे विकास, प्रजनन, भरण, पोषण के लिए जरूरी है वहीं प्रजनन एवं दूध उत्पादन में भी अति आवश्यक हैं। खनिज तत्वों का शरीर में उपयुक्त मात्रा में होना अत्त्यंत आवश्यक है क्योंकि इनका शरीर में असंतुलित मात्रा में होना शरीर कि विभिन्न अभिक्रियाओं पर दुष्प्रभाव डालता हैं तथा उत्पादन क्षमता पर सीधा असर डालता है। उचित समय अंतराल पर दिन में केवल दो बार आहार देना चाहिए ताकि पाचन क्रिया ठीक रहे। हरे चारे को साल भर देने का प्रयास करना चाहिए। पुआल को भिगोंकर ही देना चाहिए, इसके अलावा दाना को हमेशा पानी में फुलाकर ही खिलाना चाहिए जिससे उसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है। बछड़े, गाय, गर्भवती गाय, भार वहन करने वाले बैल, सांड, सुखी गर्भवती गाय तथा बढ़ने वाले पशुओं को दिए जाने वाले आहार अलग-अलग होते हैं व दुधारू पशुओं को आहार उनकी दूध आवश्यकता के अनुसार ही दिया जाना चाहिए इफको किसान ने इन सभी बातों को ध्यान मैं रखते हुये थ्री स्टार, फोर स्टार तथा फाइव स्टार पशु आहार बनाए है
पशुओं का आहार तभी संतुलित होगा जब उसमें प्रोटीन, उर्जा, वसा व खनिज लवण सही मात्रा में हो। देसी गाय को प्रति 2.5 किलो दूध उत्पादन पर आमतौर से 1 किलो अतिरिक्त्त दाना दिया जाता है।
उदाहरण के लिए:- गाय का वज़न = 250 किलो ग्राम (लगभग) दूध उत्पादन = 4 किलो प्रति दिन दी जाने वाली खुराक = भूस/प्राल 4 किलो दाना मिश्रण = 2.85 किलो (1.25 किलो शरीर के निर्वाह के लिए और 1.6 किलो दूध लें)।
किसानों में लोकप्रिय संस्था इफको किसान ने बाज़ार में अपनी कैटल फीड उतारी है जो की पशुओं की वृद्धि, रखरखाव और पशुओं के दूध उत्पादन के लिए आवश्यक प्रोटीन, खनिज और विटामिन से भरपूर है। इफको किसान द्वारा उत्पादित पशु आहार दूध के घनत्व और गुणवत्ता को भी बढ़ाता है, जो दूध में अधिक मक्खन और फैट की मात्रा पैदा करता है। यह बछड़ों के विकास में भी मदद करता है क्योंकि यह आवश्यक पोषक तत्वों का एक संतुलित स्रोत है। यह अच्छी गुणवत्ता वाले अनाज, ग्रैन, गुड़, खनिज और विटामिन का उपयोग करके निर्मित किया जाता है, जो जानवरों के लिए अत्यधिक पौष्टिक होते हैं।
इस पशु आहार का उत्पादन BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) के मानकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है और इसका बाजारों में भेजने से पहले इसका बैच वाइस परीक्षण किया गया है ताकि किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाला पशु आहार मिल सके और वह अपनी आय में वृद्धि ला सकें। पशुओं को इफको किसान के ये थ्री स्टार, फोर स्टार तथा फाइव स्टार पशु आहार देने के साथ - साथ बनाए है पशुओं के चारा व पानी की अनुसूची का खासतौर पर ध्यान रखें जो इस प्रकार हैं
रोज़ का आहार 3-4 भागों में बांटना चाहिए
दना दो बराबर भागों में दिया जाना चाहिए
सूखा व हारा चारा अच्छी तरह से मिला कर देना चाहिए
कमी के समय साईंलेज दिया जाना चाहिए
चारा खिलाने के बाद ही दना देना चाहिए
औसतन वजन की गाय को 35-40 लीटर प्रतिदिन पानी की आवश्यकता होती है।
इफको किसान के एम डी श्री संदीप मल्होत्रा ने कहा, “किसान लंबे समय से पशु आहार की उपलब्धता की मांग कर रहे थे, और यही कारण था कि हमने इस क्षेत्र में भी काम करने का मन बनाया। हम अपने संगठन की स्थापना, यानि 2007 के बाद से किसानों के लिए काम कर रहे हैं। और इस बार यह किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले पशु आहार उपलब्ध कराने की दिशा में हमारा यह नया कदम है।”
इफको किसान जल्द ही अपनी ‘इफको किसान - कृषि ऐप ’ में एक नया फीचर लाने वाला है, इस मोबाइल ऐप ने अपनी अत्याधुनिक ICT सेवाओं के माध्यम से कृषि उद्योग में क्रांति ला दी है। इस नए फीचर के माध्यम से कंपनी किसानों को उनके घर के दरवाजों तक पशु आहार उपलब्ध कराएगी।
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