चण्डीगढ़, 8 जनवरी - हरियाणा के बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि हाल ही में शुरू की गई बिजली पंचायतों का लोगों में अच्छा संदेश गया है और धीरे-धीरे लोग भी समझ रहे हैं कि बिजली के बिल भरना उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के हित में है।
बिजली मंत्री ने आज यहां मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान बताया कि बिजली बिल सरचार्ज माफी योजना के प्रति लोगों का रूझान बढ़़ा है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस योजना को 31 दिसंबर 2019 से बढ़ाकर 15 फरवरी 2020 तक किया गया है। उन्होंने कहा कि मैंने कई गांवों का दौरा किया है और लोगों ने मुझे बिल भरने का भरोसा दिलाया है।
रणजीत सिंह ने कहा कि पानीपत थर्मल प्लांट में कुछ अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से बिजली का इस्तेमाल किया जा रहा था। मैंने इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेज दी है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रदेश के सभी नागरिक समान हैं और कोई भी छोटा या बड़ा नहीं है। इससे ऊपर से लेकर नीचे तक संदेश गया है कि अगर कोई गलत काम करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इससे हर व्यक्ति समझेगा कि कायदे-कानून सबके लिए समान हैं। सरकारी विभागों की तरफ बकाया राशि के बारे में उन्होंने कहा कि कि विभागों को भी बिल भरने के लिए कहा जा रहा है। स्कूल, अस्पताल और जन-स्वास्थ्य जैसी कई ऐसी सेवाएं हंै, जहां कनेक्शन काटना ही समस्या का हल नहीं है, कई बार मानवीय पहलू को ध्यान में रखना भी जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि बिल भरने के लिए प्रेरित करने के और भी कई तरीके हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से बिजली चोरी की घटनाओं में काफी कमी आई है जिससे लाइन लॉस कम हुआ है। पहले किसान सोचते थे कि केवल उन पर ही सख्ती की जा रही है लेकिन अब किसान भी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में बिजली बिलों की बकाया राशि में काफी कमी आई है जो लगभग 1500 करोड़ रुपये से कम होकर 350 करोड़ रुपये के करीब रह गई है। प्रदेश में रिकवरी रेट काफी तेज है। उन्होंने कहा कि लाइन लॉस 2014 में लगभग 30 प्रतिशत था जो कम होकर इस समय 14 प्रतिशत के करीब रह गया है श्री रणजीत सिंह ने बताया कि मैंने पदभार संभालते ही कहा था कि मैं विभाग की सूरत-ए-हाल बदलने के लिए काम करूंगा। इन्हीं प्रयासों के चलते प्रदेश में बिजली पंचायतों की शुरुआत की गई है। इन पंचायतों के माध्यम से लोगों को बिल भरने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग भी यह बात समझते हैं कि वे जिस सेवा का उपयोग कर रहे हैं, उसके बदले में कुछ शुल्क तो दिया ही जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना का भी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इस योजना के तहत लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है।
रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में किसी एक जेल में हाई-सेंसिटीविटी सेंसर लगाए जाएंगे। ओपन एयर जेल के बारे में उन्होंने कहा कि यह परिकल्पना राजस्थान जैसे राज्यों में ज्यादा कामयाब है क्योंकि वहां पर्याप्त जमीन उपलब्ध है, जबकि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में जमीन काफी कम है। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश की जेलों में लगभग 30 हजार कैदी हैं, जिनसे खाली जमीन पर खेती करवाने की योजना है।
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