नई दिल्ली: जेएनयू मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की प्रेस वार्ता शुरू हो गई है। पुलिस का कहना है कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए हम काफी कुछ सोंच रहे हैं। मामला क्राइम ब्रांच के पास है। पुलिस के मुताबिक जनवरी के महीने में एक तारीख से पांच तारीख तक रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होना था और तीन सौ रूपये भरना था। जेएनयू स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन रजिस्ट्रेशन के खिलाफ थे। ये ग्रुप छात्रों को राजिटेशन नहीं करने दे रहा था। रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को धमका रहा था और तीन जनवरी को ये ग्रुप जबरजस्ती अंदर घुस गया और सर्वर को बंद कर दिया और जेएनयू अथॉरिटी ने इसे लेकर केस भी दर्ज करवाया। दो घंटे बाद सर्वर शुरू कर दिया गया तो छात्रों के ग्रुप को अच्छा नहीं लगा। चार तारीख को इन लोगों ने फिर सर्वर बंद करने का प्रयास किया और शीशे के दरवाजे से घुसकर सर्वर तोड़ दिया। रजिस्ट्रेशन रुक गया और छात्र परेशान होने लगे। इसके पहले धक्कामुक्की की गई।
पांच तारीख को सुबह साढ़े 11 बजे एक ग्रुप ने रजिस्ट्रेशन पहुंचे छात्रों को पीटा। पौने चार बजे शाम को इस ग्रुप ने पेरियार हॉस्टल में हमला किया। वहां कई लोगों को चोटें आईं। अध्यापकों ने पुलिस की हेल्प की और जिन्हे चोट लगी थी उन्हें ट्रामा सेंटर ले जाया गया। इसके बाद साबरमती टी प्वाइंट के पास एक बैठक हो रही थी तभी एक ग्रुप वहां पहुंचा और वो कई कमरों में गए। शाम को लगभग 7 बजे के आस पास कुछ नकाबपोशों और छात्रों में झड़प हुई।
पुलिस के मुताबिक़ जेएनयू के कई पूर्व छात्र और छात्र नेता इस हिंसा में शामिल थे। इस ग्रुप में स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन के मेंबर्स शामिल ने जिन्होंने सर्वर तोडा था। पुलिस के मुताबिक सुशील कुमार (पूर्व छात्र), पंकज मिश्रा (माही मांडवी हॉस्टल), आइशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), भास्कर विजय, सुजेता तालुकदार, प्रिय रंजन, योगेंद्र भारद्वाज,पीएचडी-संस्कृत, विकास पटेल (पीले शर्ट में एमए कोरियन) और सोनल सामंता नाम के लोगों की पहचान की गई है। पुलिस ने कुछ लोगों की तस्वीरें भी दिखाई। ये अभी तक की जांच बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है। पुलिस ने ये तस्वीरें जारी की हैं जो तीन जनवरी से तांडव मचा रहे थे।
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