नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग़ में लगभग 30 से नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे प्रदर्शनों के पीछे कोई न कोई जरूर है। इन्हे हर तरह की सुविधा और बिरयानी का इंतजाम किया जा रहा है जिस कारण ये सड़क पर डटे बैठे हैं। साजिश के रचयिता देश के अन्य शहरों में भी ऐसे प्रदर्शन की साजिश रच है हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ के घण्टाघर के पास लोग सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लखनऊ से एक तस्वीर सामने आई है जहां पर प्रदर्शनकारियों के लिए नया कंबल, खाने-पीने डिब्बे में बंद सामान लाया गया। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि सामान किसने वहां भिजवाई।
तस्वीरों को देखकर तो ऐसा लगता है कि यह आंदोलन के पीछे किसी का हाथ है। जो सीएए के खिलाफ उबाल लाने की कोशिश कर रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब सामान को जब्त करने की कोशिश की तो वहां मौजूद लोग उसे ले जाने से मना करने लगे. यहां तक की वो लोग पुलिस से भीड़ गए।
कुछ दिन पहले खबर आई थी कि शाहीनबाग में लोगों को धरना प्रदर्शन करने के लिए हर रोज के 500-500 रुपए दिए जा रहे हैं। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई। बाद में सामने आया कि यह अफवाहें उड़ाई जा रही है। पैसे न भी दिए जा रहे हों तो नए कम्बल और बिरयानी तो दी ही जा रही है। ये प्रदर्शन कोई न कोई जरूर करवा रहा है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में भी कल प्रदर्शन का प्रयास किया गया जहाँ पुलिस ने 70 महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। लखनऊ में पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा तो एक महिला पुलिस को चोर डकैत कहने लगी देखें वीडियो
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