नई दिल्ली: देश में लगभग सवा महीने से तमाम लोग सड़कों पर चिल्ला रहे हैं कि संविधान खतरे में है। कई पार्टियों के बड़े नेता, वामपंथी, टुकड़े गैंग, खान मार्केट गैंग, आवार्ड वापसी और मोमबत्ती गैंग के लोग ऐसे कह रहे हैं। अब फरीदाबाद के वरिष्ठ पत्रकार राकेश चौरसिया ने ऐसे लोगों आइना दिखाया है। राकेश चौरसिया ने एक ट्वीट किया है जिसमे उन्होंने लिखा है कि 1975 में इमरजेंसी, 1984 में सिख दंगा, 90 में कश्मीरी हिन्दू के नरसंहार तक संविधान सुरक्षित था। 5 साल में 1300 आतंकी क्या ठोके संविधान खतरे में पड़ गया ।
आपको बता दें कि इमरजेंसी के समय देश के लाखों लोगों का बुरा हाल था और 1984 सिक्ख दंगों में 2,733 लोगों की मौत हुई थी। 1990 की बात करें तो उस समय जम्मू-कश्मीर में 300 से अधिक हिंदू महिलाओं और पुरुषों की हत्या हुई थी। कश्मीरी पंडितों का खुलेआम कत्लेआम हुआ था। बड़ी संख्या में महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार हुए थे। कई लाख कश्मीरी पंडितो को अपना सब कुछ छोड़ वहां से भागना पड़ा था। ऐसी बड़ी बारदातों के से किसी ने नहीं कहा कि संविधान खतरे में है।1975 में इमरजेंसी, 1984 में सिख दंगा, 90 में कश्मीरी हिन्दू के नरसंहार तक संविधान सुरक्षित था।— Rakesh Chaurasia (@Indo_Journalist) January 16, 2020
5 साल में 1300 आतंकी क्या ठोके संविधान खतरे में पड़ गया ।
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