फरीदाबाद: अक्टूबर 2019 में तीन जिलों में कांग्रेस की इकलौती जीत हुई जिसके बाद एनआईटी फरीदाबाद के कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा अचानक सुर्ख़ियों में आ गए। विधायक बनते ही नीरज शर्मा रात-दिन काम करने लगे। छापेमारी करने लगे। कई कामचोर अधिकारीयों को सस्पेंड करवाया और अब भी अपने क्षेत्र के लिए अपना सौ फीसदी दे रहे हैं जो क्षेत्र के छुटभैय्या कांग्रेसी नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। ये कहना है उनके समर्थक रितेश अरोड़ा का जिहोने कहा कि एनआईटी के चंद छुटभैया नेता जिन्हे उनकी गली के लोग भी उन्हें नेता नहीं मानते ऐसे लोग तरह तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। हाल में एनआईटी में प्रदेश के सीएम आये और क्षेत्र के विधायक होने के नाते नीरज शर्मा उस कार्यक्रम में शामिल हुए। उस समय एक गांव का एक छुटभैया कांग्रेसी नेता ट्विटर पर अजीब पोस्ट कर रहा था।
अरोड़ा ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के एक कार्यक्रम में सभी विधायकों को आमंत्रित किया गया था जहां नीरज शर्मा भी पहुंचे। इसके बाद उस छुटभैया नेता की शायद नींद और हराम हो गई है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्यू कि उस नेता को उसके गांव के लोग भंडारे में भी आमंत्रित नहीं करते। छुटभैया नेता शायद बकलोल है। उसने कभी ये नहीं सोंचा कि करण सिंह दलाल, ललित नागर, उदयभान जैसे विधायक अपनी कुर्सी नहीं बचा सके। अकेले नीरज शर्मा की जीत हुई। पलवल, फरीदाबाद ही नहीं गुरुग्राम में कांग्रेस का खाता नहीं खुला। नीरज की इस जीत से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा काफी खुश हुए और अब अब भी हैं। फरीदाबाद के इस छुटभैये नेता को उस गुट का बताया जा रहा है जिस गट गुट के नेता का अब हरियाणा में कोई नाम तक लेना अपनी और कांग्रेस की तौहीन समझता है।
रितेश अरोड़ा का कहना है कि हाथी जब चलता है तो कुत्ते भौंकते हैं और हमारे एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा शेर हैं और उन्हें क्षेत्र के लोग गब्बर कहते हैं और गब्बर के पीछे पड़े ये कुत्ते उनका बाल भी बांका नहीं कर सकते। रितेश अरोड़ा ने कहा कि एनआईटी के लोग अपने विधायक के कामकाज से खुश हैं। उन्होंने कहा जैसे दादा ( पूर्व मंत्री शिव चरण लाल शर्मा ) काम करते थे वैसे उनके पुत्र विधायक नीरज शर्मा भी जनता की सेवा कर रहे हैं।
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