फरीदाबाद: फरीदाबाद शहर की जानी-मानी सामाजिक संस्था मिशन जागृति उत्तराखंड के अल्मोड़ा डिस्ट्रिक्ट की अलग-अलग गांवों में जाकर विभिन्न स्कूलों में जरूरतमंद बच्चों को स्कूल बैग टोपी वितरित की इसके साथ साथ बच्चों को गुड टच बैड टच प्राथमिक चिकित्सा और पढ़ाई का महत्व के बारे में भी व्याख्यान दिलवाए ।
इस प्रोजेक्ट का नाम चैंपियन चाइल्ड रखा गया जिसको सी एस आर के माध्यम से नोएडा स्थित 3 पिलर नाम की कंपनी ने स्पॉन्सर किया।
संस्था के संस्थापक महासचिव प्रवेश मलिक ने बताया कि मिशन जागृति का मुख्य उद्देश्य ही है बच्चों के अंदर जागरूकता लाना उनको आत्मनिर्भर बनाना इसी कड़ी में यह कार्यक्रम किया गया।
विपिन शर्मा ने बताया कि मिशन जागृति के लिए यह पहला मौका है जब हम हरियाणा प्रदेश से निकलकर किसी दूसरे प्रदेश में जाकर सेवा करने का मौका मिला यह एक्सपीरियंस बहुत ही बढ़िया रहा जिससे हमें आगे और सेवा करने का मौका मिलेगा।
राजेश भूटिया ने बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा का महत्व समझाया ! किसी भी आकस्मिक स्थिति में चोट लगने पर या दुर्घटनावश एवम् बीमारी की अवस्था में घायल या रोगी को चिकित्सालय पहुंचाए जाने से पहले अथवा चिकित्सक के दुर्घटना स्थल पर पहुंचने से पूर्व रोगी की उपलब्ध संसाधनों से जो सहायता को जाती है उसे प्राथमिक चिकित्सा कहा जाता है। दुर्घटना के पश्चात के पहले तीस से चालीस मिनट के गोल्डन टाइम में प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान किसी भी जरूरतमंद के बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है मनचन्दा ने छात्राओं से कहा कि घर में रसोई में काम करते समय चाकू से कट लग जाने पर या रोटी सब्जी बनाते समय हाथ जलने की स्थिति में या किसी भी इमरजेंसी में यदि आप ने फर्स्ट एड का प्रशिक्षण लिया हुआ है तो आप अवश्य ही इस ज्ञान से अपने व दूसरो के प्रिय जनों की जीवन रक्षा कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में सहयोग कर सकते है।
महेश आर्या ने गाँव के बच्चों को रोज़ स्कूल आने हो पढ़ाई करने के लिए मोटीवेट किया उन्होंने बताया कि जैसा कि हमारे संस्थापक प्रवेश मलिक हमेशा कहते हैं कि जीवन में शिक्षा ही वो शीढ़ी है जो आपको गरीबी के दलदल से बाहर निकाल सकती है। इसलिए आपको हमेशा अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।
विपिन शर्मा ने इस आयोजन के लिए सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य और इस प्रोजेक्ट में साथ देने के लिए विभिन्न गांव के सरपंच एवं अन्य ग्रामीणों का दिल से धन्यवाद किया और भरोसा दिलाया कि जब कभी भी हमें मौका मिलेगा हम उत्तराखंड या अन्य देश के हिस्सों में जहां जरूरत होगी मिशन जागृति वहां पर अपनी उपस्थिति सेवा भावना के माध्यम से जरूर दर्ज कराएगी।
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