चण्डीगढ़, 9 जनवरी- हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने आज हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लि. के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दक्षिण हरियाणा, विशेषकर अहीरवाल क्षेत्र में एक नया मिल्क प्लांट स्थापित करने की संभावनाओं को तलाशें ताकि उस क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों से दूध को मिल्क प्लांट में लिया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि राज्य के तीन मिल्क प्लांटों नामत: बल्लभगढ़, जींद और रोहतक ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा कर लिया गया है और इन्हें ‘क्वालिटी मार्क’ दिया गया है। वहीं, उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे दूग्ध खरीद व प्रसंस्करण को अधिक से अधिक करने के लिए भी विभिन्न योजनाओं व नीतियां तैयार करें ताकि दूध खरीद व प्रसंस्करण को अधिक से अधिक किया जा सके।
सहकारिता मंत्री आज यहां हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लि. के अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस मौके पर सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दुध उत्पादकों को उसी समय डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने हेतु ऑनलाईन तंत्र तैयार करें। इसी प्रकार, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दक्षिण हरियाणा में एक ओर मिल्क प्लांट लगाने लिए व्यवार्हता तलाशें ताकि दूध उत्पादकों का दूध मिल्क प्लांट में लिया जा सके।
बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि प्रसंघ की मुख्य गतिविधियों में दुग्ध खरीद, दुग्ध का प्रसंस्करण और दुग्ध उत्पादों का निर्माण तथा दुग्ध व उत्पादों का विपणन का कार्य शामिल है। बैठक में यह भी बताया गया कि वर्तमान वित्त वर्ष में दिसंबर- 2019 तक प्रतिदिन दुग्ध एकत्रित करने का औसत लगभग 3 लाख 73 हजार लीटर का रहा है, जिनमें से अंबाला दूध उत्पादन यूनियन का 57.37 लाख लीटर, रोहतक यूनियन का 72.12 लाख लीटर, बल्ल्भगढ यूनियन का 55.94 लाख लीटर, जींद यूनियन का 95.5 लाख लीटर, कुरूक्षेत्र यूनियन का 34.85 लाख लीटर और सिरसा यूनियन का 57.52 लाख लीटर है। बैठक में बताया गया कि वर्तमान साल में दिसंबर- 2019 तक लगभग 3138 मिल्क उत्पादक सहकारी सोसाटियां कार्य कर रही हैं और दुग्ध देने वाले लोगों को औसत फैट 5.60 प्रतिशत के साथ 38.65 रूपए प्रति किलोग्राम दिया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा में 6 मिल्क प्लांट संचालित हैं जिनमें विभिन्न दुध के उत्पादों को तैयार किया जा रहा है। मंत्री को अवगत कराया गया कि जींद के मिल्क प्लांट की क्षमता 1.50 एलएलपीडी है जबकि अंबाला के प्लांट की क्षमता 1.40 एलएलपीडी, रोहतक के मिल्क प्लांट की क्षमता 4 एलएलपीडी, बल्लभगढ प्लांट की क्षमता 1.25 एलएलपीडी, सिरसा के मिल्क प्लांट की क्षमता 1.10 एलएलपीडी और कुरूक्षेत्र के मिल्क प्लांट की क्षमता 0.20 एलएलपीडी तक हैं। बैठक में बताया गया कि कुरूक्षेत्र के मिल्क प्लांट में ए2 देसी गाय के दूध की प्रोससिंग की जाती है। इसी प्रकार, वर्तमान वित्त वर्ष में दिसंबर- 2019 तक प्रसंघ द्वारा औसतन 342.76 हजार लीटर प्रतिदिन दूध की बिक्री की है। बैठक में बताया गया कि वीटा के दूध उत्पादों की बिक्री में घी, लस्सी और दही अधिकतर शामिल है
बैठक में मंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री दुग्ध प्रोत्साहन योजना के तहत अप्रैल से सितंबर तक हरियाणा में सहकारी दुग्ध उत्पादकों को दूध में फैट और गुणवत्ता के अनुसार 4 रुपए और 5 रुपए प्रति लीटर के अनुसार सब्सिडी भी मुहैया करवाई जा रही है और वर्ष 2019-20 के दौरान अब तक लगभग 23.15 करोड़ रुपए की सब्सिडी सहकारी दुग्ध उत्पादकों को दी गई है। इसी प्रकार, सहकारी दुग्ध उत्पादकों को प्रति व्यक्ति 5 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा दिया जाता है और ऐेसे लाभार्थियों को ग्रुप पर्सनल एक्सीडेंटल इन्श्योरेंस कवर में कवर किया जाता है तथा नंबर- 2019 तक 37 किसानों को क्लेम दिलवाए जा चुके हैं। इसी प्रकार, दुग्ध देने वाले लोगों के बच्चों को बोर्ड की परीक्षा में 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंक लाने के लिए( दसंवी के लिए 2100 रुपए व बारहवीं के लिए 5100 रुपए) छात्रवृति दी जाती है, इस योजना के तहत नवंबर- 2019 तक प्रसंघ द्वारा 112.18 लाख रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है। इसी प्रकार, दुग्ध उत्पादकों की लडकी की शादी के लिए भी कन्यादान योजना के तहत 1100 रुपए राशि मुहैया करवाई जाती है, जिसके तहत नंवबर- 2019 तक 22.62 लाख रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है। बैठक में बताया गया कि इसी प्रकार, मंत्री को राष्टï्रीय कृषि विकास योजना, डेयरी इन्फ्रांस्ट्रक्चर एवं विकास फण्ड इत्यादि योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई
बैठक के दौरान सहकारिता मंत्री को बताया गया कि डेयरी प्रसंघ राज्य में दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध लेकर उसका प्रसंस्करण करके दुग्ध उत्पादों को तैयार करता है और उनका विपणन करता है। इसके अलावा, यह प्रसंघ राज्य में डेयरी उद्योग को बढाने के लिए भी प्रेरित करने का काम करता है। बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा में डेयरी सहकारिता का तीन स्तरों पर कार्य किया जा रहा है जिसमें ग्राम स्तर पर सोसाटियों के माध्यम, जिला स्तर पर मिल्क उत्पादक सहकारी यूनियन और राज्य स्तर पर स्टेट डेयरी फेडरेशन के माध्यम से किया जा रहा है।
बैठक में हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लि. के प्रबंध निदेशक मोहम्मद शाईन और हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लि. के सीएओ रोहित यादव भी उपस्थित थे।
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