नई दिल्ली : मैं 30 साल से शाहीन बाग में रह रहा हूं, मैं वहां सड़क खोलने के लिए प्रदर्शनकारियों से बात करने गया था मैं हमेशा अपने साथ अपनी पिस्टल रखता हूं, किसी ने इसे मेरी जेब से बाहर निकाल लिया, मैं नहीं जानता कि यह कौन था। ये कहना है लुकमान चौधरी का जिनकी पिस्तौल कल शाहीन बाग़ में लहराई गई थी।
लुकमान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे साथ आसपास के लगभग चालीस लोग गए थे और हमने प्रदर्शनकारियों को समझाया कि आस पास के काफी बच्चे नोएडा के स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। उनके पेपर शुरू होने वाले हैं, उनकी पढ़ाई चौपट हो रही है क्यू डेढ़ महीने से सड़क बंद है इसलिए अब सड़क खाली कर दें या स्कूल बस और एम्बुलेंस को जानें दें, लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी ने मेरी पिस्तौल देख लिया और निकाल लिया। उन्होंने कहा कि जब मैं वहाँ गया तो मेरे जहन में नहीं था कि मेरे पास गन थी। बातचीत के समय किसी का मेरी पिस्तौल पर हाँथ लग गया और मेरी पिस्तौल निकाल ली गई। उन्होंने कहा कि किसी पार्टी से मेरा कोई ताल्लुक नहीं है।
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