एडवोकेट पाराशर ने कहा कि इतनी अंधेरगर्दी मैंने इस शहर में कभी नहीं देखी जहाँ नगर निगम ने इमारत ध्वश्त करने का आदेश दिया हो वहाँ आलीशान इमारत खड़ी हो जाए और सैकड़ों दुकानें बन जाएँ। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि इसमें नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत है और अगर कोई सत्ताधारी नेता इस अवैध निर्माण में शामिल होगा तो हाईकोर्ट में उस पर भी याचिका दायर करूंगा और कोर्ट से मांग करूंगा कि ऐसे नेताओं से उनके पद छीनकर उन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां अवैध निर्माण करना एक तरह से सरकार के साथ धोखाधड़ी है।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद के अधिकारियों पर मैं हमेशा सवाल उठाता आया हूँ और अब मुझे जानकारी मिली है कि अरावली पर वन विभाग की जमीन पर वन विभाग के एक अधिकारी की पत्नी ने मिट्टी के भाव में पहाड़ खरीद लिए हैं। उन्होंने कहा कि दो साल से मैं अरावली पर अवैध निर्माण को लेकर सवाल उठा रहा हूँ और वन विभाग के अधिकारियों पर कई बार सवाल उठा चुका हूँ कि इनकी मिलीभगत से ही अरावली पर अवैध निर्माण और अवैध खनन हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फरीदाबाद के अधिकारियों पर मैं हमेशा सवाल उठाता आया हूँ और अब मुझे जानकारी मिली है कि अरावली पर वन विभाग की जमीन पर वन विभाग के एक अधिकारी की पत्नी ने मिट्टी के भाव में पहाड़ खरीद लिए हैं। उन्होंने कहा कि दो साल से मैं अरावली पर अवैध निर्माण को लेकर सवाल उठा रहा हूँ और वन विभाग के अधिकारियों पर कई बार सवाल उठा चुका हूँ कि इनकी मिलीभगत से ही अरावली पर अवैध निर्माण और अवैध खनन हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जानकारी के मुताबिक वन अधिकारी (DFO) की पत्नी ने मांगर के पास अरावली में 5 कनाल 14 मरला जमीन 10 लाख रुपये में अवैध रूप से खरीदी है। उन्होंने कहा कि अरावली को लेकर मैंने सुप्रीम कोर्ट में फरीदाबाद के पूर्व डीसी सहित कई अधिकरियों पर अदालत की अवमानना का मामला दर्ज करवाया है और अब इस अधिकारी की पत्नी के खिलाफ भी याचिका दायर करूंगा और अधिकारी को निलंबित करने की मांग करूंगा। इस मौके संस्था के महासचिव एडवोकेट संजीव तंवर, एडवोकेट लोकेश पाराशर, एडवोकेट हितेश पाराशर, एडवोकेट सचिन पराशर, एडवोकेट बिजेंद्र कौशिक, एडवोकेट दीपक शर्मा आदि मौजूद थे।
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