चंडीगढ़: वैसे तो कई बड़े मंत्री चुनाव हार चुके हैं और हरियाणा भाजपा अंदर से खोखली होने के बाद भी नहीं सुधर रही है। पिछले कार्यकाल में अनिल विज मंत्री थे और इस बार उन्हें गृह मंत्री बनाया गया लेकिन सूत्रों की मानें तो अगर सीआईडी विभाग उनसे वापस लिया गया तो वो गृह मंत्रालय छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। सीम मनोहर लाल के इस बार भी ठोंक ढकोसले जारी हैं। विज मैदान में उतर वो काम कर रहे थे जो एक अच्छी सरकार करती है लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारियों को भी विज का कामकाज पसंद नहीं आ रहा है और इन्ही अधिकारियों के कारण खट्टर विज में विवाद बढ़ा और सीआईडी और विज के कामकाज देख खट्टर हाल में हाईकमान पहुँच गए और वहाँ विज की शिकायत की गई जिसके बाद से ही विज नाराज बताये जा रहे हैं। हाल में उन्होंने भी कहा कि सीएम ही सर्वे सर्वा होता है लेकिन अंदरखाने विज नाराज हैं और सीआईडी छीनी गई तो विज गृह मंत्रालय छोड़ सकते हैं जो ढोंग ढकोसले करने वाली खट्टर सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा।
सरकार बनने के बाद खट्टर के बड़े कामों में गीता महोत्सव मनाया गया और सरस्वती महोत्सव मनाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। जनता के टैक्स के पैसे लुटाये जा रहे हैं। ऐसे आयोजनों में करोड़ों खर्च होते हैं। अधिकारी ऐसे कार्यक्रमों में माल पुए खाते हैं और नेता पिकनिक मनाते हैं। हरियाणा की जनता अब पढ़ी लिखी है और अपने सरकार से बहुत उम्मीद रखती है लेकिन खट्टर हरियाणा की जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। खट्टर भ्रष्ट अधिकारियों और भ्रष्ट नेताओं के लिए अच्छे सीएम साबित हो रहे हैं जनता के नहीं। आज अगर हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो तो भाजपा को 20 सीटें भी नहीं मिलेंगी।
खास सूत्रों की मानें तो सीआईडी जाने की सूरत में अगर विज कोई बड़ा कदम उठाते हैं तो भाजपा को राजनीतिक तौर पर इसका नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। दुष्यंत चौटाला और मजबूत होंगे जबकि कांग्रेस के लिए चंडीगढ़ की राह आसान हो जाएगी।
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