चण्डीगढ़, 6 जनवरी- हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि ‘जल जीवन मिशन’ के तहत ग्रामीण क्षेत्र के घरों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए प्राथमिकता आधार पर कार्य किए जाएं ताकि 30 जून, 2022 तक शतप्रतिशत घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनैक्शन उपलब्ध करवाने का लक्ष्य समय पर पूरा किया जा सके।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज यहां उच्चाधिकारियों एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों के साथ ‘जल जीवन मिशन’ योजना की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस मिशन के तहत सर्वप्रथम ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे किया जाए कि कितने घरों में नल से जल उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा यह भी सर्वे किया जाए कि कितने घरों में पानी के अवैध कनेक्शन हैं। इस कार्य में सक्षम युवाओं को शामिल किया जाए। सर्वे के परिणामों को पानी और सीवर के लिए बिलिंग सूचना प्रणाली (बिसवास) के डाटा के साथ मिलान करने पर वैध और अवैध कनैक्शनों की पहचान की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ऐसे अवैध कनेक्शनों को 31 मार्च, 2020 तक वैध किया जाए, इसके लिए सरकार द्वारा एक योजना बनाई गई है, जिसके तहत विभाग द्वारा कर्मचारी घर-घर जाकर अवैध कनेक्शन को वैध करने के लिए मकान मलिक से सहमति लेकर मौके पर ही वैध कनेक्शन की सारी प्रक्रिया पूरी करेगा। उन्होंने जिला उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि इस मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा करें।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत सरकार द्वारा कार्यात्मक घरेलू नल कनैक्शन उपलब्ध करवाने के लिए रोड कट शुल्क के रुप में लिये जाने वाले 2000 रुपये माफ किए गए हैं। इसके अलावा, नये कनैक्शन लेने के लिए नागरिकों को दो विकल्प दिए जाएंगे, जिसके तहत नागरिक नये कनैक्शन शुल्क के रूप में 500 रुपये देंगे या वर्तमान सरकारी दर के अनुसार सामान्य कनैक्शन के लिए 50 रुपये (40 रुपये फ्लेट रेट जमा 10 रुपये अतिरिक्त) और अनुसूचित जाति कनैक्शन के लिए 30 रुपये (20 रुपये फ्लेट रेट जमा 10 रुपये अतिरिक्त) देने होंगे, इस प्रकार कनैक्शन शुल्क के रूप में 500 रुपये की अदायगी पूर्ण होगी।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 31.32 लाख घर हैं और सर्वे के आधार पर 16.67 लाख घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनैक्शन उपलब्ध हैं तथा शेष 14.56 लाख घरों का सर्वे 31 मार्च, 2020 तक पूरा किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022 तक शतप्रतिशत घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनैक्शन उपलब्ध करवाने के लक्ष्य के तहत तीन चरणों में कार्य योजना तैयार की गई है। पहले चरण में 30 सितंबर, 2020 तक 22.07 लाख घरों, दूसरे चरण में 30 जून, 2021 तक 25.20 लाख घरों और तीसरे व अंतिम चरण में 31.32 लाख घरों को शतप्रतिशत कार्यात्मक घरेलू नल कनैक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे।
बैठक में बताया गया कि इस मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 53.47 प्रतिशत घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनैक्शन उपलब्ध करवाकर हरियाणा देश में चौथे स्थान पर है। बैठक में बताया गया कि इस मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य जल एवं स्वच्छता समिति, जिला जल एवं स्वच्छता समितियों तथा ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समितियों का गठन किया जा रहा है और ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समितियों में महिलाओं की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है। बैठक में यह भी बताया गया कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए पंचायतों को इस सम्बन्ध में तकनीकी परामर्श देने की भूमिका निभाएगा।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री धनपत सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी. सी. गुप्ता, नगर एवं अभियोजना विभाग के प्रधान सचिव श्री अपूर्व कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे।
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