बाबैन, 23 जनवरी राकेश शर्मा : पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार असली मुद्दों पर ध्यान देने की बजाए मंत्रालयों के बंटवारे में खींचतान और अधिकारियों के तबादलों में व्यस्त होकर रह गई है और प्रदेश में अर्थव्यवस्था, रोजगार, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और कृ षि के मोर्चे पर गठबंधन सरकार विफ ल रही है। भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा गांव महुवाखेडी में कांग्रेस नेता शमशेर ङ्क्षसह मलिक के निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मु यमंत्री और गृहमंत्री को अपने महकमों को लेकर झगडऩे की बजाए प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए। इस खींचतान पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बिना सीआईडी के गृह मंत्रालय बिना आंख, कान और नाक के इंसान की तरह है। इसलिए सरकार को तमाम विवादों का निपटारा कर असली मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जो प्रदेश पहले विकास के मामले में नंबर वन था, वो प्रदेश आज अपराध के मामले में पहले नंबर पर है। अब प्रदेश में रोजाना 3 हत्याएं, 4 रेप और 14 अपहरण के मामले सामने आते हैं और रोज महिलाओं के साथ किसी ना किसी तरह की 39 वारदातें होती हैं। इसके साथ ही रोज 50 वाहन चोरी होते हैं व 54 चोरी, लूट, डकैती और ज़बरन वसूली की वारदातें होती हैं। वहीं बच्चों के अपहरण के मामले में भी हरियाणा देश में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि दंगों के मामले में भी हरियाणा देश में तीसरे नंबर पर है। मौजूदा सरकार ने यूपी और बिहार को भी पीछे छोड़ दिया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा का युवा नशे की तरफ बढ़ रहा है व नशे से मौत के मामले में हरियाणा ने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। साल 2018 में पंजाब में नशे से 78 मौत हुईं थी, जबकि हरियाणा में इससे ज्यादा 86 मौतें हुईं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हमने युवाओं का रुझान खेलों के प्रति करने के लिए गांव-गांव में स्टेडियम बनवाए थे। लेकिन बीजेपी सरकार ने उनका रखरखाव तक नहीं किया। सरकार को चाहिए कि वो प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार पर रोक लगाए और युवाओं को नशे के चंगूल से छुड़वाए।
हुड्डा ने कहा कि बिना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के चल रही गठबंधन सरकार दिशा और दशाहीन है। उन्होंने ज़ोर देकर पूछा कि आखिर सरकार काम करना कब शुरू करेगी? भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बेरोजग़ारी दर अब भी 28 फीसदी बनी हुई है। हरियाणा लगातार बेरोजग़ारी के मामले में टॉप पर है और हरियाणा विकास के मामले में देश में 18 वें पायदान पर पहुंच गया है। उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नेशनल स्टैटस्टिकल ऑफि स के आंकड़ों से साफ है कि ग्रामीण उपभोक्ता खपत में रिकॉर्ड गिरावट आई है। जिसके मुताबिक हरियाणा के ग्रामीणों ने 2011-12 की तुलना में 2017-18 में 18 फ ीसदी कम खर्च किया है। 18 फ ीसदी की ये गिरावट देश में सबसे ज़्यादा है। जबकि ये सर्वे जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच में हुआ था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रहार का सिलसिला यहीं नहीं रुका। बीजेपी सरकार लगातार खेती को घाटे में ले जा रही है। उन्होंने गन्ना किसानों की लागत का ब्यौरा देते हुए बताया कि कैसे खेती महंगी होती जा रही है और उसके मुक़ाबले रेट नहीं बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में प्रति एकड़ की बहाई का रेट 5000 था, जो 2019 तक बढ़कर करीब 9000 रुपये हो गया। डीएपी कट्टे का रेट 960 रुपये का था, जिसका वजऩ 50 किलो था। अब वो 1250 रुपये हो गया है और वजन घटकर 45 किलो कर दिया गया है। यूरिया का रेट 250 से बढ़कर 350 रुपये हो गया है। डीजल भी 56 रुपये से बढ़कर 68 रुपये प्रति लीटर हो गया है। सिर्फ डीज़ल का रेट बढऩे से प्रति एकड़ लागत करीब 1200 रुपये बढ़ गई है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी की पिछली खट्टर सरकार ने बढ़ती लागत को नजअंदाज करते हुए 5 साल में बमुश्किल 30 रुपये ही रेट में इजाफा किया। मौजूदा भाजपा-जजपा सरकार ने तो 1 रुपये की भी रेट में बढ़ोत्तरी नहीं की। जबकि कांग्रेस सरकार ने 2005 से 2014 तक 193 रुपये की रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी कर गन्ने के भाव को 117 से 310 रुपये तक पहुंचाने का काम किया था। ये भाव देश में सबसे ज़्यादा था।
पूर्व मु यमंत्री ने कहा कि सरकार गन्ने का रेट बढ़ाना तो दूर, मौजूदा रेट भी नहीं दे पा रही है। हालात ये हो गए हैं कि सरकार पलवल में गन्ना मिलों की ज़मीन तक बेचने पर आमादा है। इससे किसानों की परेशान बढ़ती जा रही है। भूपेंद्र हुड्डा ने पिछले दिनों ओलावृष्टि से खेती को हुए नुकसान की गिरदावरी करवाकर किसानों को जल्द मुआवज़ा देने की मांग की। उन्होंने धान घोटाले को लेकर भी बड़ा आरोप लगाया। हुड्डा ने कहा कि सरकार की जांच में महज़ 100 करोड़ के घोटाले का ख़ुलासा हुआ है। लेकिन ये हज़ारों करोड़ का घोटाला है। क्योंकि किसानों को प्रति क्विंटल 100 से 150 कम दाम दिया गया है। इसलिए हम इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं। उन्होंने धान घोटाले के साथ माइनिंग स्कैम, छात्रवृत्ति घोटाले और महम से विधायक बलराज कुंडू की तरफ से उठाए गए मामलों की जांच की भी मांग की। इस मौके पर पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, विधायक मेवा ङ्क्षसह, विकास मलिक, पूर्व ब्लॉक प्रधान जयपाल पांचाल, राम पाल सैनी, माम चंद, धर्मबीर मलिक, जसविंद्र बुहावी, प्रिंस धिसरपडी, मुकेश दुहन, भक्त सोम नाथ, नरेश शर्मा मंगौली, जंगशेर बुढा, नसीब सहजादपुर, जयप्रकाश शर्मा लाडवा, संत राम व अन्य कांग्रेस कार्यकत्र्ता मौजूद रहे।
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