चंडीगढ़ 4 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की 51वीं बैठक में 201 करोड़ रुपये की लागत की 212 नई योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। इन योजनाओं में अधिकांशत: आबादी के संरक्षण, कृषि भूमि की सुरक्षा, बाढ़ मशीनरी की खरीद, पुलों की मरम्मत और पुलों का पुन: निर्माण की योजनाएं शामिल हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों और सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंताओं (एसई) को 30 जून 2020 तक सभी लघु अवधि योजनाओं को पूरा करने के लक्ष्य के साथ इन योजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि योजनाओं को क्रियान्वित करने से पूर्व निर्माण स्थलों का मौके पर जाकर स्वयं निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पानी को नालियों में बर्बाद न किया जाए बल्कि इस पानी को सिंचाई के लिए उपयोग करने पर जोर दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने मानसून के दौरान अधिकतम वर्षा जल के संरक्षण करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है, इसलिए किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए पूर्व की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों से हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक जनवरी माह में इसी उद्देश्य के साथ आयोजित की जा रही है, ताकि मानसून के सीजन में उत्पन्न होने वाली बाढ़ की स्थिति से निपटने की व्यवस्था समय रहते की जा सके।
मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि अपने-अपने जिलों में ऐसे 4 से 5 अतिप्रवाह या सूखे तालाबों को चिह्नित करें जिनका प्राथमिकता आधार पर जीर्णोद्धार करना है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शिवधाम नवीकरण योजना के तहत शमशान घाटों और कब्रिस्तान में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाए और जहां कहीं कार्य लंबित हैं उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देंवंद्र सिंह ने बताया कि पिछले साल बाढ़ की स्थिति सामान्य थी, हालांकि इस साल यमुना नदी में पहली बार सबसे ज्यादा पानी आने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी, परंतु जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि प्रस्तावित सभी बाढ़ सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा और अनुशंसा हरियाणा राज्य सलाहकार समिति ने इससे पूर्व की बैठक में कर ली है।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री धनपत सिंह, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अलोक निगम, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी. सी. गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी. वी. एस. एन. प्रसाद, खान एवं भूविज्ञान विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और सभी जिलों के उपायुक्त वीडियो कॉन्फे्रंस के माध्यम से शामिल हुए।
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