चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कल प्रदेश के सभी नगर निगमों को स्वायत्त संस्थान बना दिया। अब नगर निगमों द्वारा खुद अपनी आय के साधन बढ़ाकर खुद ही विकास परियोजनाएं लागू की जाएंगी। निगमों के मेयरों को 10 करोड़ रुपये तक के विकास कार्य करवाने के अधिकार दे दिए गए हैं।
नये साल में निकाय विभाग की इस बैठक की सूचना होने के बावजूद निकाय मंत्री अनिल विज नहीं पहुंचे। बैठक में स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। हरियाणा में इस बार मेयर सीधे जनता द्वारा चुने गए थे। कई निगम ऐसे हैं, जहां मेयर के अधिकार क्षेत्र में 2 से 3 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। सरकार द्वारा अब तक इन मेयरों को अधिकार नहीं दिए गए थे। जिसके चलते शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के सभी महापौर तथा निगमायुक्तों व अन्य अधिकारियों को चंडीगढ़ में बुलाया था। कई घंटे तक चली मैराथन बैठक में सभी मेयरों द्वारा अपनी-अपनी मांग रखी गई।
बैठक में सभी मेयरों से मिले फीडबैक के बाद मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि भविष्य में सभी मेयर अपने अधिकार क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये के विकास कार्य करवा सकेंगे। इसके लिए बैठक करके फैसला लिया जाएगा। पहले यह सीमा ढाई करोड़ की थी, जिसे अब बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया है। 10 करोड़ से अधिक की राशि के विकास कार्य करवाने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी। बैठक में वित्तीय साधनों को बढ़ाने पर जोर देते हुए सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा अब किसी भी निगम को आपात स्थिति छोड़कर वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी। निगमों को बिजली बिल सैस, प्राॅपर्टी टैक्स, विज्ञापन तथा अन्य माध्यमों से अपनी आमदनी बढ़ानी होगी। इसी आमदनी के आधार पर नगर निगमों द्वारा अपने क्षेत्र की विकास परियोजनाएं बनाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने सभी मेयर व अधिकारियों को कहा कि सरकार चाहती है कि निगमों द्वारा स्वायत्ता प्रदान संस्थान के रूप में काम करते हुए सरकारी राजस्व में भी अपना योगदान दिया जाए।
इस अवसर पर सीएम ने दो ऑनलाइन सेवाओं 'पानी एवं सीवर कनेक्शन तथा बिलिंग प्रणाली और भूमि उपयोग परिवर्तन प्रणाली (सीएलयू)' का भी शुभारंभ किया। इनके माध्यम से सीएलयू की मंजूरी और पानी एवं सीवरेज कनेक्शन के अनुमोदन के साथ-साथ बिल बनाने और रसीद कलेक्शन की प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी।
बैठक में 31 मार्च, 2020 तक 'मेरा शहर-जगमग शहर' के उद्देश्य को हासिल करने के लिए सभी स्ट्रीट लाइटों को समयबद्ध तरीके से एलईडी से बदलने के निर्देश भी दिए तथा इनके उचित प्रबंधन के लिए क्लस्टर बनाकर एलईडी लाइटों के लिए स्मार्ट मीटर लगाने और कंट्रोल रूम बनाने पर भी चर्चा की गई।
इस बैठक में अनिल विज के न पहुँचने पर कांग्रेस भाजपा को घेर भी रही है। कांग्रेस प्रवक्ता वेद प्रकाश विद्रोही ने लिखा है कि मनोहरलाल खटटरजी द्वारा कल चंडीगढ़ मे #हरियाणा नगर निगम मेयरों, आयुक्तो की बुलाई बैठक मे नगर निकाय मंत्री अनिल विज की गैर-हाजरी बताती सरकार मे कितनी गुटबाजी?
मंत्री खटटरजी को CM मानने को भी तैयार नही!
जब विभाग मंत्री ही बैठक से नदारद तो कैसी बैठक,
बैठक का क्या औचित्य?
मनोहरलाल खटटरजी द्वारा कल चंडीगढ़ मे #हरियाणा नगर निगम मेयरों, आयुक्तो की बुलाई बैठक मे नगर निकाय मंत्री अनिल विज की गैर-हाजरी बताती सरकार मे कितनी गुटबाजी?— ved prakash vidrohi (@vpvidrohi) January 19, 2020
मंत्री खटटरजी को CM मानने को भी तैयार नही!
जब विभाग मंत्री ही बैठक से नदारद तो कैसी बैठक,
बैठक का क्या औचित्य? #Haryana pic.twitter.com/aEGEOUKYnp
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