नई दिल्ली: बदलाव प्रकृति का नियम है और सदियों तक ऐसे नियम शायद न टूटें, सूरज पूरे दिन आग नहीं उगल सकता, शाम को हर हालत में उसे ढलना पड़ता है। गर्मी भी जब ज्यादा प्रकोप दिखाती है तो बारिश आ जाती है। सूत्रों की मानें तो 11 फरवरी के बाद देश की राजनीति में भी बदलाव आ सकता है। देश के कई राज्यों के करोड़ों लोगों को इस बदलाव का फायदा मिल सकता है। अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनावों में फिर वापसी करेगी तभी ये बदलाव आएगा। एक समय था जब पूरे देश में चम्बल के डाकुओं का बोलबाला था लेकिन बदलाव आया और अब चम्बल के डाकुओं का कहीं जिक्र नहीं होता। अब तो डाकू आधुनिक हो गए हैं। इंटरनेट के माध्यम से लोगों की तिजोरी लूट रहे हैं।
अगले महीने यानि फरवरी से मार्च तक देश भर में लगभग तीन लाख करोड़ की लूट होगी जो हर साल होती है। देश के लगभग 80 फीसदी लोग मेहनत मजदूरी कर, अपना तन पेट काट, दो वक्त के बजाय एक वक्त की रोटी खाकर जो पूरे साल इकठ्ठा किये हैं उन्हें एक तरह से सरेआम लूट लिया जाएगा। इस लूट का मतलब शिक्षा माफियाओं से है जो अगले दो महीनों में दाखिले, कॉपी किताब, जूते, जुर्राब और ड्रेस के नाम पर तकरीबन देश के हर दूसरे घर से 5000 से एक कई-कई लाख तक वसूलेंगे।
देश के अधिकतर लोग शिक्षा माफियाओं से बहुत दुखी हैं। तमाम अविभावक खून के आंसूं रोते हैं। आज के लगभग 30 साल पहले सरकारी स्कूलों में अधिकतर लोग अपने बच्चों को पढ़ाते थे लेकिन वर्तमान समय में कोई भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं भेजना चाहता जबकि सरकारी स्कूल के अध्यापकों की पगार एक साधारण पुलिस अधिकारी से ज्यादा होती है।
यही हाल स्वास्थ्य का है। मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लागू की लेकिन कुछ लोग ही इस योजना का लाभ ले पा रहे हैं। देश के निजी अस्पतालों में अब भी मेला लगा रहता है। बात करें बिजली पानी की तो देश के अधिकतर लोग पानी खरीदकर पी रहे हैं। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब लोग पानी खरीदकर पीते हैं। यही हाल बिजली का है। तमाम तरह के टैक्स लगाए जा रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा केजरीवाल को पाकिस्तान का समर्थक बता रही है। एक भाजपा नेता ने कल लिखा कि ये मुकाबला भारत और पाकिस्तान में है। भाजपा की अब भी दाल गलती नहीं दिख रही है। केजरीवाल अब भी विकास के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य के मुद्दे पर वोट मांग रहे हैं। लगभग दो साल पहले दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की फीस बढ़ोत्तरी पर रोक लगाईं थी और यहाँ तक बढ़ी हुई फीस वापस करवाई गई थी। दिल्ली सरकार के मुताबिक तमाम सरकारी स्कूलों की हालत ठीक की गई है और अब सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए लाइन लगती है और सिफारिश लगवाई जाती है। भले ही दिल्ली सर्कार ने कुछ स्कूल ठीक किये हों लेकिन कदम तो आगे बढ़ाया। जहाँ भाजपा और कांग्रेस की सरकारें हैं वहां अब तक सरकारों ने इस बात को लेकर कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया। हर साल शिक्षा माफिया फीस बढ़ा देते हैं। अविभावकों को खून के आंसू रुलाते हैं। स्वास्थ्य माफिया भी ऐसा ही करते हैं।
दिल्ली में स्वास्थ्य के मामले में भी दिल्ली सरकार ने काफी अच्छा काम किया है। भाजपा शाषित उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लोग दिल्ली में इलाज करवाने पहुँचते हैं। ये एक कड़वा सच है। भाजपा नेताओं को शायद ही अच्छा लगे। आज के लगभग दो साल पहले सोशल मीडिया पर दिल्ली के सीएम को सबसे ज्यादा गाली मिलती थी लेकिन वक्त बदल गया है। अब केजरीवाल को पहले से बहुत कम फीसदी गाली मिलती है। भले ही शाहीन बाग़? आप? लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी के कारण दिल्ली में फिर लौट सकते हैं केजरीवाल और लौटे तो भाजपा और कांग्रेस की जहाँ-जहाँ सरकारें हैं वहां के सीएम भी केजरीवाल के रास्ते पर चलने लगेंगे। जनता का फायदा होगा। भाजपा नेताओं को मालूम हो कि जय श्री राम ही नहीं जनता को दो वक्त की रोटी भी चाहिए जो आप लोग दे नहीं पा रहे हो, हमारे प्रतापगढ़ में एक कहावत सदियों पुरानी है, भूखे भजन न होय गोपाला, रख लो अपनी कंठी माला,, भाजपा खुद को बदले, वरना कई और राज्यों में भाजपा की भैंस गहरे पानी में डूबेगी। कभी-कभी मैं अपने हरियाणा अब तक ग्रुप में कोई आडियो पोस्ट करता हूँ, आडियो चीफ के 500 से ज्यादा लोग दिल्ली की गलियों की ख़ाक छान रहे हैं जिनके चीफ का कहना है कि हम खोज रहे हैं कि भाजपा या कांग्रेस के उम्मीदवार कहाँ से जीत रहे हैं, अभी तक एक भी नहीं मिला, 70-70 AAP
हरियाणा की बात करें तो जब से भाजपा हाईकमान ने खट्टर को स्टार प्रचारक बनाया तबसे ऐसा लगा कि जहाँ-जहाँ खट्टर जायेंगे वहां अगर भाजपा के उम्मीदवारों की जीत हो भी रही होगी तो वो उम्मीदवार हार जायेंगे। सुबह बता चुका हूँ कि हरियाणा के दिग्गज भाजपा नेताओं को भाव न देकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है भाजपा हाईकमान। दो बार का विधायक स्टार हो गया और 25 साल से भाजपा की आवाज बुलंद करने वाले लाइन में भी नहीं दिखे। विनाशकाले विपरीति बुद्धि???
हरियाणा की बात करें तो जब से भाजपा हाईकमान ने खट्टर को स्टार प्रचारक बनाया तबसे ऐसा लगा कि जहाँ-जहाँ खट्टर जायेंगे वहां अगर भाजपा के उम्मीदवारों की जीत हो भी रही होगी तो वो उम्मीदवार हार जायेंगे। सुबह बता चुका हूँ कि हरियाणा के दिग्गज भाजपा नेताओं को भाव न देकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है भाजपा हाईकमान। दो बार का विधायक स्टार हो गया और 25 साल से भाजपा की आवाज बुलंद करने वाले लाइन में भी नहीं दिखे। विनाशकाले विपरीति बुद्धि???
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