नई दिल्ली: आप कल राज्य स्तर के नेता थे। किसी ने आपका साथ दिया और आप केंद्र के बड़े नेता बन गए और बड़े नेता बनते ही आपने खुद को और बड़ा बना लिया और उसे भूल गए जिसने आपको बड़ा नेता बनाया है। चढाने वाला गिराना भी जानता है। हरियाणा अब तक के पाठकों को मालुम हो कि 2013-14 में प्रशांत किशोर की मेहनत से गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी देश के पीएम बने थे। इसके बाद अमित शाह और प्रशांत किशोर की नहीं बनी और प्रशांत ने शाह को सबक सिखाने का फैसला कर लिया। बिहार चुनावों में उन्होंने लालू-नितीश की पार्टी के लिए काम किया। नीतीश बिहार के सीएम बने लेकिन किसी कारण वश लालू और नीतीश की पार्टी में मतभेद हो गया जिसके बाद अब बिहार में भाजपा और नीतीश गठबंधन की सरकार है। 2019 लोकसभा चुनावों में प्रशांत कुछ खास नहीं कर सके। फिर मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत लेकिन कई राज्यों में भाजपा की सरकारें जा चुकी हैं।
अब दिल्ली में चुनाव हो रहे हैं। केजरीवाल ने प्रशांत किशोर का साथ लिया है जबकि भाजपा अपने लगभग 200 और कई केंद्रीय मंत्रियों, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मैदान में उतार रखा है। सट्टा बाजार अब भी केजरीवाल को ही भाव दे रहा है। सट्टा बाजार के मुताबिक भाजपा के वोट प्रतिशत बढ़ सकते हैं लेकिन ??? आज सोमवार 8 बजे तक का स्कोर .. 70/70 है।
सट्टा बाजार के अन्य लोगों का कहना है कि लगभग 60 सीटें पक्की हैं। भाजपा का कहना है कि चंद सरकारी स्कूल ठीक पर केजरीवाल पूरी दिल्ली के सरकारी स्कूल को ठीक करने का झूंठा दावा कर रहे हैं। केजरीवाल पूरे पांच साल से झूंठ ही बोल रहे हैं। एक समय था कि जब केजरीवाल ट्विटर पर जय श्री राम भी लिखते थे तो हजार गालिया मिलतीं थीं। अब ऐसा भी समय आया है कि केजरीवाल के खिलाफ लिखने वालों, बोलने वालों को हजार गालियां मिल रही हैं। दिल्ली में वही हवा आप के पक्ष में बह रही है जो हवा 2014 में मोदी के पक्ष में बही थी। भाजपा नेताओं को शायद ये बात अच्छी न लगे। नेताओं को मालुम हो कि जो आपको हीरो बनाये, हीरो बनने के बाद आप घमंडी न हों और उसे जीरो न समझें जिसने आपको हीरो बनाया है। आप देश के किसी राज्य के विधायक, मंत्री या केंद्र में मंत्री या देश के पीएम बन जाते हैं लेकिन उसे न भूलें जिसने आपको इस ऊंचाई पर पहुँचाया है। आप बड़े पदों पर आकर उसे एक साधारण और गरीब समझते हुए?? जैसी करनी, वैसी भरनी।।
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