नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर देश के बड़े सट्टेबाज दिल्ली पहुँच गए हैं। सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में सट्टेबाजों की टीम उसी तरह पसीना बहा रही है जैसे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी बहा रहे हैं। लोकसभा चुनावों में दिल्ली में भाजपा की सभी सीटों पर जीत हुई थी लेकिन विधानसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को जमकर पसीना बहाना पड़ेगा। कांग्रेस भी वापसी का प्रयास कर रही है लेकिन सट्टा बाजार की मानें तो केजरीवाल की फिर वापसी हो सकती है।
2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिली थीं। भाजपा ने 3 सीटें जीती थीं। 2017 में उपचुनाव के बाद राजौरी गार्डन सीट भाजपा ने जीती थी। भाजपा यहाँ केंद्रीय मुद्दों पर केजरीवाल को चित करने का प्रयास करेगी लेकिन हाल के कुछ चुनावों में भाजपा को केंद्रीय मुद्दों का कोई फायदा नहीं मिला। केजरीवाल स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कई चीजें मुफ्त कर दी हैं जिस कारण दिल्ली की जनता का झुकाव आम आदमी पार्टी की तरफ है।
आम आदमी पार्टी को डर है कि कहीं पीएम मोदी और अमित शाह के मैदान में उतरने के बाद पाशा न पलट जाए इसलिए आप की भारी भरकम सोशल मीडिया की टीम मोर्चा संभाल रही है। प्रशांत किशोर इस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस अभी ये चुनाव हल्के में ले रही है जो इन पार्टियों के लिए घातक साबित हो सकता है। सट्टा बाजार का आंकड़ा गलत हो सकता है लेकिन सौ फीसदी गलत नहीं हो सकता क्यू कि उनकी टीम गली-गली तक पहुँचती है।
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