नई दिल्ली: शाहीन बाग़ में विरोध प्रदर्शन कब तक चलेगा और कब लाखों लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी कोई पता नहीं। लोग जाम में फंसते हैं तो सोशल मीडिया पर अपना दुखड़ा बताते है कि यहाँ मैं घंटों जाम में फंसा हूँ। शाहीन बाग़ में दिल्ली पुलिस से बड़ी चूक हुई है। पुलिस की एक चूक का परिणाम ये निकला कि 32 दिन से लाखों लोग परेशान हैं। हरियाणा अब तक अपने सूत्रों से पता चला है कि 15 दिसंबर को कुछ लोग सड़क पर बैठे थे। उस दिन दिल्ली पुलिस को लगा कि सर्दी का मौसम है। कुछ घंटे प्रदर्शन कर लोग वापस चले जाएंगे। ये देखते हुए दिल्ली पुलिस ने शाहीनबाग जाने वाली पहली रेड लाइट से लेकर कालिन्दी कुंज एमसीडी टोल प्लाज़ा के पास तक दोनों तरफ से बंद कर दिया। पुलिस से यहीं चूक हो गई और प्रदर्शनकारियों को खाली सड़क मिल गई। रातोंरात वहाँ टेंट लग गए और मुफ्त में बिरयानी बांटी जाने लगी। मुफ्त की बिरयानी की खबर आस-पास के मुस्लिम इलाकों तक पहुँची तो महिलाएं अपने बच्चों को लेकर पहुँचने लगीं और उसके बाद भीड़ बढ़ती गई।
भीड़ में कुछ नेता अपनी राजनीति भी चमकाते हैं और फिर कुछ नेता और तथाकथित बुद्धिजीवी वहाँ पहुँच भाषण देने लगे। लोगों को नागरिकता क़ानून के खिलाफ भड़काने लगे। अफवाह है कि किराये की भीड़ भी वहां लाई जाने लगी और अब 32 दिन हो गए सड़क जाम है। लोग परेशान हैं। महिलाएं अब भी बच्चों को लेकर बिरयानी खाने पहुँच रही हैं। बच्चों-महिलाओं को नागरिकता क़ानून के बारे में कुछ नहीं पता है। टुकड़े गैंग के लोग वहां पहुँच उन्हें और भड़काते हैं जैसे तमाम वाइरल वीडियो में दिख रहा हैं। भारत के खिलाफ प्रोपोगंडा चलाने वाले कुछ विदेशी मीडिया वाले भी वहां पहुँच रहे हैं। देश के एक दो चैनल वाले वहां पहुँच प्रदर्शनकारियों को भड़का रहे हैं। उन्हें नागरिकता क़ानून की जानकारी देने वाला एक भी नेता मौके पर नहीं पहुंचा। कभी अर्बन नक्सली वहाँ भाषण देते नगर आते हैं तो कभी टुकड़े गैंग के अन्य लोग। 10 लाख लोग सड़क जाम से परेशान हैं। तस्वीर में दावा किया जा रहा है कि ये शाहीन बाग़ की तस्वीर है। कोई पुष्टि नहीं हो सकी है। ये सच है कि वहां मुफ्त में बिरयानी परोसी जा रही है और हजारों लोगों को रोज बिरयानी कौन खिला रहा है। कौन इतना महीने भर से खर्च कर रहा है? शायद बड़ी साजिश रची जा रही है। साजिशकर्ता या तो किसी पार्टी का नेता होगा या टुकड़े गैंग का कोई बड़ा चीफ या अर्बन नक्सली जिनका यही काम ही होता है कि देश के खिलाफ कोई जहर उगले तो उसे धन उपलब्ध करवा उसका साथ दिया जाए।
वफ़ादारी बिकती ज़मीर बिकता है, वोट बिकता है,— शुभी 🙏💯 follow back (@shubhisri1) January 16, 2020
अभिव्यक्ति की आजादी भी बिकती है ।
कीमत सिर्फ 500रू०, नाश्ता बिरयानी फ्री। pic.twitter.com/J9kLX4Bsbk
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