नई दिल्ली: बहुत जल्द बड़ा नेता बनने के चक्कर में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण बार-बार गिरफ्तार किये जा रहे हैं। अब उन्हें हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि रावण वहाँ नागरिकता क़ानून के खिलाफ एक रैली को सम्बोधित करने पहुंचे थे। यहाँ पुलिस ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी फिर भी तमाम लोग प्रदर्शनकर रहे थे और रावण भी उनका साथ दे रहे थे।
आजाद दिल्ली शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकरियों का भी वहां पहुँच उनका साथ दे रहे हैं। जामा मस्जिद पहुँच वहां के प्रदर्शनकारियों का साथ देने पर वहां हिंसा हुई थी जिसके कारण वो कई दिनों तक तिहाड़ जेल में रहे थे। रावण पर सवाल भी उठते हैं क्यू कि ये खुद को दलितों का मसीहा कहते हैं और जहां दलितों पर अल्पसंख्यक हमला करते हैं या उन्हें ज़िंदा जला देते हैं वहां नहीं पहुँचते। वहां के पीड़ित इन्हे दलित नहीं लगते। हाल में मध्य प्रदेश में एक गरीब दलित परिवार पर हमला हुआ। युवक को ज़िंदा जलाया गया। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। उसके परिजनों ने सोशल मीडिया पर गुहार लगाईं लेकिन किसी ने मदद नहीं किया क्यू कि हमलावर शांतिदूत थे।
रावण मायावती का विकल्प बनना चाहते हैं लेकिन इतना आसान नहीं है। मायावती की अब भी कई राज्यों में मजबूत पकड़ है। मायावती कई बार रावण पर सवाल भी उठा चुकी हैं।
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