नई दिल्ली: देश के जिन राज्यों की जनता हिंदी या अन्य भाषा नहीं जानती है उन राज्यों में नेताओं को भी कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। रैलियों के समय नेताओं को दुभाषियों का सहारा लेना पड़ता है। देश के कई बड़े नेता ज्यादा भाषों में भाषण नहीं दे सकते। नेताओं को कुछ ही भाषाओँ का ज्ञान है।
एक साल के अंदर पच्छिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं और जानकारी मिल रही है कि गृह मंत्री अमित शाह इस बार ममता बनर्जी के किले को ढहाने का हर प्रयास करेंगे। इसके लिए उन्होंने बंगाली भाषा सीखना शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो उन्होंने एक निपुण शिक्षक रखा है जो उन्हें बंगाली सिखा रहा है। अमित शाह ममता बनर्जी को उनकी की भाषा में जबाब देने की पूरी तैयारी में जुटे हैं।
पीएम मोदी की बात करें तो आरएसएस के प्रचारक के रूप में कई राज्यों में काम कर उन्होंने हिंदी पर अपनी पकड़ बनाई थी और फर्राटेदार हिंदी बोलते हैं जबकि अमित शाह की बात करें तो वर्षों गुजरात में बिताने के बावजूद अमित शाह कैसे अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। इस पर सूत्रों का कहना है कि जेल में रहने के दौरान और कोर्ट द्वारा गुजरात में प्रवेश पर दो साल का प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान उन्होंने हिंदी पर पकड़ बनाई थी। और अब गृह मंत्री भी फर्राटेदार हिंदी बोलते हैं। अब वो बांग्ला सीख रहे हैं और संभव है चुनावों तक वो बांग्ला भी फर्राटेदार बोल लें।
Post A Comment:
0 comments: