नई दिल्ली: किसी भी राज्य की सरकार हो, हर राज्य में सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है। गरीब इन अस्पतालों में बेमौत मर रहे हैं। राजस्थान के कोटा की अस्पताल में अब मासूम बच्चों की मौत का आंकड़ा 110 पहुँच गया है। हर रोज अस्पताल से कई कई बच्चों के शव निकल रहे हैं। परिजन दहाड़े मारकर रो रहे हैं। बताया जाता है कि हाल में जब मौतों का मामला मीडिया ने उछाला तो तमाम मीडिया कर्मी भी अस्पताल पहुंचे जहां अस्पताल प्रांगण में सूअर के बच्चे घूम रहे थे। अस्पताल की खिड़कियां टूटी मिलीं और सफाई की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी।
इसके पहले उत्तर प्रदेश की एक अस्पताल में कई बच्चों की मौत हुई थी। किसी ने कोई सबक नहीं सीखा। राजस्थान के सीएम का कहना है कि पहले ज्यादा बच्चों की मौत होती थी। ये आंकड़े कम हैं। न जाने कितने बच्चों के शव और अस्पताल से बाहर आएंगे। सरकार के पास शायद ही इस बात का जबाब हो। गरीब हैं मरते रहे। गरीबों के पास इतना पैसा नहीं होता कि वो निजी अस्पताल में अपने मासूमों का इलाज करवा सकें। एक हफ्ते में ही निजी अस्पतालों में लाखों का बिल बन जाता है। गरीबों के पास इतना पैसा नहीं होता इसलिए वो सरकारी अस्पताल जाते हैं जहां से वो अपने मासूमों का शव लेकर विलखते निकल रहे हैं।
Rajasthan: Infant death toll in Kota's JK Lon Hospital rises to 110. pic.twitter.com/cPKH9VLpKp— ANI (@ANI) January 5, 2020
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