कुरुक्षेत्र 1 दिसम्बर: राकेश शर्मा: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश भर से आए कलाकारों ने मदमस्त होकर अपने-अपने प्रदेश के लोक नृत्य को प्रस्तुत किया। उत्तराखंड, कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल के कलाकारों ने कुरुक्षेत्र उत्सव गीता महोत्सव में समा बांधा और पर्यटकों ने तालियां बजाकर न केवल कलाकारों का अभिवादन स्वीकार किया, बल्कि उनकी प्रस्तुति की जमकर सराहना की और लोक नृत्यों पर जमकर डांस किया। अहम पहलू यह है कि रविवार को छुट्टïी होने के कारण ब्रहमसरोवर के तट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पर्यटकों ने महोत्सव में जमकर खरीदारी की और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया।
महोत्सव के नौंवे दिन सुबह व सायं के सत्र में उत्तराखंड, पंजाब, कश्मीर, राजस्थान के साथ-साथ विभिन्न प्रदेशों के के कलाकारों ने अलग-अलग व एक साथ अपनी प्रस्तुति देकर पर्यटकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। भारत के इन सांस्कृतिक झरोखों को देखकर पर्यटक भाव-विभोर हो गए। इस उत्सव के इस मंच पर भारत की लोक संस्कृति को देखा जा सकता है। इन लोक नृत्यों में हिमाचल प्रदेश के गद्दी लोक नृत्य ने पर्यटकों के सामने अपनी प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही बटोरी है। इस उत्सव में पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल, कश्मीर और राजस्थान के लोक कलाकारों ने जमकर पर्यटकों का मनोरंजन किया और सभी को अपने मोहपाश में बांध दिया। महोत्सव के सरस और क्राफ्ट मेले को देखने के लिए लगातार पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। ज्यों-ज्यों कुरुक्षेत्र महोत्सव आगे बढ़ रहा है, त्यों-त्यों इसकी रौनक भी बढ़ रही है।
इस महोत्सव में आने वाले पर्यटक जहां शिल्पकला को पसंद कर रहे हैं, वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद ले रहे हैं। इन लोक कलाकारों के लोक नृत्य ने भी दर्शकों को टकटकी लगाने पर मजबूर कर दिया। किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में जान फूंकने का काम पंजाब का भांगड़ा करता है। इस लोक नृत्य की प्रस्तुति देने के लिए पंजाब से विशेष ग्रुप को आमंत्रित किया गया। पंजाब के बाद जम्मु कश्मीर के लोक कलाकारों ने धमाली की प्रस्तुति दी। इन कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस प्रकार ब्रहमसरोवर का महिला घाट भारत की संस्कृति का केंद्र बनता नजर आया। इस मंच पर सभी प्रदेशों की संस्कृति की झलक देखी गई।
ग्रंथ अकादमी की तरफ से महोत्सव में लगाई गई है पुस्तक प्रदर्शनी
अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा ग्रंथ एकादमी द्वारा स्टाल नम्बर 777 पर पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई है। गं्रथ एकादमी के सदस्य राजेश ने बताया कि हरियाणा गं्रथ एकादमी पिछले 3 सालों से यहां प्रदर्शनी लगा रहे है। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के साहित्य व इतिहास को जन-जन तक पहुंचाना है। एकादमी द्वारा इन पुस्तकों पर 30 से 75 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक प्रदर्शनी में इतिहास साहित्य के अलावा लोकप्रशासन, जनसंचार आदि की पुस्तकें भी उपलब्ध है। यहां पर सांग व रागनी परम्परा की पुस्तकें, परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी पुस्तकों के अलावा विभिन्न जिलों का इतिहास भी यहां पर मौजूद है।
बहरुपिए कर रहे है पर्यटकों का मनोरंजन
अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में बहरूपिये पर्यटकों व स्थानीय लोगों का बहुत मनोरजंन कर रहे है। राजस्थान से आए बहरूपिये व कलाकारों के साथ पर्यटक जमकर सैल्फी खिचवा रहे है। इस महोत्सव में काका लुहार व लुहारी, जोकर व चार्ली चैपलीन ने पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। यह कलाकार आगामी 10 दिसंबर तक इस महोत्सव में 35 अलग-अलग वेशभूषा बदलकर पर्यटकों व स्थानीय लोगों का भरपूर मनोरजंन करेंगे। इस महोत्सव में संजीव बहरूपिया, सवाई माधवपुर राजस्थान के जोकर, चार्ली चैपलीन, जयपुर से राजू व कैलाश बने लुहार-लुहारी पर्यटकों का खूब मनोरंजन कर रहे है।
हजारों सूचनाओं के आदान-प्रदान से मिला पर्यटकों को फायदा
जिला सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा स्टाल नम्बर एक पर बनाए गए सूचना केंद्र पर 23 नवम्बर से लेकर 1 दिसम्बर तक हजार से भी ज्यादा सूचनाएं देकर बिछड़ों को मिलाने, खोए हुए बच्चों को अभिभावकों से मिलाने, स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ-साथ खोए हुए सामान व अन्य मामलों का निपटारा करने का काम किया गया। इस सूचना केंद्र की कमान खंड प्रचार कार्यकर्ता बरखा राम, कृष्ण लाल, राजकुमार शर्मा सहित अन्य स्टाफ ने संभाली हुई है।
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