4 दिसम्बर 2019 :हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा खट्टर राज में हरियाणा शिक्षा व्यवस्था का ढांचा बुरी तरह से लडख़ड़ा गया है। स्कूल, कालेज में न तो पर्याप्त आधारभूत शिक्षा ढांचा है और न ही पर्याप्त शिक्षक है। विद्रोही ने इसका उदाहरण देते हुुए बताया कि प्रदेश में कुल 2423 सैकेंडरी व सीनियर सैकेंडरी स्कूल है, जिनके लिए लगभग 39 हजार पीजीटी टीचर पद स्वीकृत है जिसमें लगभग 12048 पीजीटी टीचद पद रिक्त पड़े है। सवाल उठता है कि जब 9 से 12 कक्षा तक के स्कूलों में स्वीकृत पीजीटी टीचरों के एक तिहाई पद खाली पड़े है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि स्कूलों में कैसी पढ़ाई होती होगी? यही स्थिति प्राईमरी व मिडिल स्कूलों की है। हरियाणा के सरकारी कालेजों में भी 40 से 50 प्रतिशत प्राध्यापकों के पद खाली है। सवाल उठता है कि जब प्रदेश के सरकारी स्कूलों, कालेजों में पर्याप्त टीचर नही है तो छात्र पढ़े कैसे? सरकार दावे तो लम्बे-चौड़े करती है, लेकिन स्कूलों के भवन निर्माण, लैब, लाईब्रेरी सहित शिक्षा आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए न तो पर्याप्त बजट देती है और न ही समय पर आवश्यक कदम उठती है।
रेवाडी जिले का गोठडा-पाली सैनिक स्कूल का भवन निर्माण तक विगत पांच सालों में भाजपा खट्टर सरकार नही करवा पाई है। वहीं कृष्ण नगर स्थित भगत फूलसिंह महिला विश्ववि़द्यालय के रीजनल सैंटर के भवन निर्माण के लिए भाजपा सरकार ने एक ईंट तक नही लगाई है। सरकार का यह रवैया अपने आप प्रमाण है कि वह शिक्षा के प्रति कितनी गंभीर है। विद्रोही ने कहा कि यही हालत प्रदेश के विश्वविद्यालयों व अन्य उच्च शिक्षण संस्थाओं की है जहां न तो पर्याप्त शिक्षक है और न ही आवश्यक आधारभूत ढांचा है। भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेश के विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थाओं का भगवाकरण तो हुआ है, लेकिन प्राध्यापकों की नई नियुक्तियां व आधारभूत शिक्षा सुविधाओं के लिए कुछ नही हुआ। विद्रोही ने मांग की कि लम्बी-चौड़ी बाते करने की बजाय प्रदेश के सभी स्तर के सरकारी स्कूल, कालेज व विश्वविद्यालयों, मेडिकल व तकनीकी संस्थानों ंमे पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्तियां की जाये व शिक्षा के आधारभूत ढांचे के लिए पर्याप्त बजट दिया जाये।
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